भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को राजधानी के मिंटो हॉल में टोक्यो ओलिंपिक 2020 के पदक विजेता ओलिंपिक हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर सहित अन्य प्रतिभागियों को सम्मानित किया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विवेक सागर को एक करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश पुलिस में डीएसपी का पद देने की घोषणा की।
सीएम शिवराज ने यह भी कहा कि विवेक की माता जी जहां कहेंगी वहां उन्हें पक्का मकान बनवाकर देंगे। विवेक सागर के माता-पिता और भाई व बहन भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे, विवेक के कहने पर मंच पर बुलाकर उनका भी सम्मान किया गया।
समारोह की अध्यक्षता खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया कर रही हैं। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन इकबाल सिंह बैंस विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद हैं। इसके अलावा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व ओलिंपियन व हाकी कोच अशोक ध्यानचंद भी सीएम शिवराज और खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के साथ मंच पर मौजूद हैं।
भारतीय निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह को ओलिंपिक में भाग लेने पर 10 लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया। ऐश्वर्य प्रताप मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के निवासी हैं। भारतीय हॉकी टीम के सहायक प्रशिक्षक शिवेन्द्र सिंह को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित और 25 लाख रुपये की घोषणा की। इसके अलावा अशोक ध्यानचंद, पैरा कयाकिंग खिलाड़ी प्राची यादव एवं शरद कुमार को भी सम्मानित किया गया।
इसके पूर्व आज सुबह विवेक सागर का भोपाल पहुंचने पर गुरुवार को राजा भोज एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया एवं खेल विभाग के अधिकारियों ने विवेक की आत्मीय अगवानी की। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ओलिंपिक कांस्य विजेता विवेक सागर के साथ स्मार्ट सिटी पार्क में पौधारोपण किया। सीएम शिवराज सिंह चौहान के निवास पर विवेक का मिठाई खिलाकर स्वागत किया एवं ओलिंपिक में बेहतर प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य के रूप में शामिल विवेक सागर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने अर्जेंटीना के खिलाफ खेले गए मैच में एक शानदार गोल करते हुए टीम को जिताने में अहम भूमिका अदा की थी। इसके फलस्वरूप भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंच सकी। ओलम्पिक में भारतीय पुरूष हॉकी टीम 41 साल बाद कांस्य पदक जीतकर लौटी है।
आप को जानकार हैरानी होगी कि विवेक बिहार से जुड़े हुए हैं। विवेक के पिता बिहार के सिवान के गांव कन्हौली से हैं। वो 17 साल तक सिवान में ही रहे थे। इसके बाद वो नौकरी की तलाश में मध्य प्रदेश आ गए थे। इसके अलावा विवेक की मां भी बिहार से हैं। उनके पिता कहते है कि विवेक भले ही बिहार न गए हो लेकिन उसका लगाव वहां के लिए है।
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