ढाका, 13 नवंबर। भारत के कंपाउंड तीरंदाजों ने एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने कुल तीन पदक जीते, जिसमें दो स्वर्ण और एक रजत शामिल हैं। यह प्रदर्शन भारतीय तीरंदाजी की लगातार उभरती ताकत को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की स्थिति को और मजबूत करता है।
महिला टीम ने कोरिया को हराया
भारतीय महिला टीम की ज्योति सुरेखा वेन्नम, दीपशिखा और प्रितिका प्रदीप ने फाइनल मुकाबले में कोरिया को 236-234 से हराया। कोरिया की टीम में पार्क येरिन, ओ यूहयून और जुंगियून पार्क शामिल थे। भारतीय खिलाड़ियों ने फाइनल में बेहतरीन निशानेबाजी और रणनीति दिखाई, जिससे महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

मिश्रित टीम ने बांग्लादेश को हराया
कंपाउंड मिश्रित टीम के फाइनल में अभिषेक वर्मा और दीपशिखा ने बांग्लादेश को 153-151 से हराकर भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया। दोनों खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट सामंजस्य और मानसिक दृढ़ता दिखाई। यह जीत भारतीय तीरंदाजी के मिश्रित वर्ग में निरंतर प्रगति का प्रमाण है।
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पुरुष टीम को कजाखस्तान से हार
कंपाउंड पुरुष टीम फाइनल में भारत को कजाखस्तान ने 230-229 से हराया। भारतीय टीम में अभिषेक वर्मा, साहिल राजेश जाधव और प्रथमेश फुगे शामिल थे। कजाखस्तान टीम में दिलमुखामेत मुसा, बुनियोद मिर्जामेतोव और आंद्रेइ युतयुन थे। पुरुष टीम का प्रदर्शन भी शानदार था, लेकिन आखिरी क्षणों में मामूली अंतर के कारण उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
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भविष्य के लिए उम्मीदें
इस चैम्पियनशिप में भारत की सफलता ने स्पष्ट किया कि देश की तीरंदाजी टीम एशिया और विश्व स्तर पर लगातार प्रगति कर रही है। महिला और मिश्रित टीम की स्वर्ण जीत ने भारतीय तीरंदाजों में आत्मविश्वास और उत्साह बढ़ाया है, और आने वाले टूर्नामेंटों में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जगाई है।