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Wednesday, April 17, 2024

पटना क्रिकेट : इतने दिनों से कहां थे सचिव महोदय, कहीं सत्ता के लिए तो नहीं याद आये ग्रामीण

पटना। इतने दिनों तक कहां थे सचिव महोदय। बहुत दिनों बाद ग्रामीण क्षेत्र में क्रिकेट को बढ़ावा देने की याद आई। शायद वजह साफ है शहर के क्लबों ने आपका साथ छोड़ा तो वोट की राजनीति के लिए ग्रामीण क्षेत्र का रुख किया।

हम बात कर रहे हैं पटना जिला क्रिकेट संघ के सचिव अजय नारायण शर्मा व पदाधिकारियों द्वारा लिये गए फैसले की। सचिव द्वारा सोमवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्रणवीर को बर्खास्त कर दिया गया जबकि संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

इस प्रेस रिलीज के अंत में कहा गया है कि कार्यकारणी के समक्ष ग्रामीण क्षेत्रों से क्लब निबंधन हेतु आवेदनों पर गहन विचारोपरान्त सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट को बढ़ावा तथा उन्हें क्रिकेट की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन सभी आवेदनों को पूर्ण मान्यता के साथ निबंधित करने का निर्णय लिया गया।

गजब है भाई पटना जिला क्रिकेट संघ के 13 साल से सचिव के पद पर अजय नारायण शर्मा हैं। इसके अलावा पटना जिला क्रिकेट संघ में पदाधिकारी के रूप में वे इसके पहले भी वर्षों से रह चुके हैं। बिहार क्रिकेट संघ के सचिव भी रह चुके हैं पर कभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट का बढ़ावा देने की बात नहीं कही पर आज एकाएक क्या हो गया जो ग्रामीण क्षेत्रों की याद आ गई। वह भी तुरंत का तुरंत क्लब बना कर उसे निबंधन देना। पटना में तो वर्षों से नये क्लब को जोड़ा ही नहीं जा रहा है तो ग्रामीण में कैसे। वजह साफ है अध्यक्ष गुट को मात देना।

गौरतलब है कि 30 सितंबर को पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर ने एसजीएम की बैठक बुलाई थी। उस बैठक में पटना जिला क्रिकेट संघ से निबंधित क्लबों की जम कर भागीदारी हुई थी। इस बैठक में अजय नारायण शर्मा के करीबी क्लबों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था।

क्रिकेट जानकारों का कहना है कि शायद क्लबों की अच्छी खासी भागीदारी से अजय नारायण शर्मा गुट डर गया और नये क्लब बना कर अपनी शक्ति को बढ़ाने की फिराक में लग गया है। पटना जिला क्रिकेट संघ के संविधान में किसी भी क्लब को पूर्ण मान्यता यानी वोटिंग राइट के साथ मान्यता देने का प्रावधान नहीं है। खैर जो भी ये लड़ाई क्रिकेटरों और क्रिकेट की हित में नहीं है।

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