नयी दिल्ली। बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी ने बोर्ड के सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के अंतर्गत आने से संबंधित सवालों को टाल दिया जो कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी (नाडा) के शर्तों का पालन करने पर सहमति जताने के बाद वास्तविकता बन सकती है। खेल मंत्रालय से बैठक के बाद नाडा के अंतर्गत आने से बीसीसीआई वित्तीय रूप से संपन्न स्वायत्त संस्था होने के बावजूद अब प्रभावी तौर पर राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) बन गया है।
इस घटनाक्रम का काफी व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि बीसीसीआई पर अब सरकारी मानदंडों के अनुरूप आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत आने के लिये अधिक दबाव होगा। लेकिन जौहरी ने आरटीआई से जुड़े सवाल टाल दिये।
उन्होंने कहा, आरटीआई आज की बैठक के एजेंडा में शामिल नहीं था। यह संदर्भ का हिस्सा नहीं है। बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जौहरी और बोर्ड के महाप्रबंधक (क्रिकेट परिचालन) सबा करीम ने शुक्रवार को यहां खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने नाडा महानिदेशक नवीन अग्रवाल के साथ बैठक की जिसके बाद बोर्ड को नाडा के अंतर्गत लाने का फैसला किया गया।
जौहरी ने बैठक के बाद कहा, हम देश के नियमों का पालन करेंगे और बीसीसीआई वर्तमान नियमों का पालन करने के लिये प्रतिबद्ध है। हमने जिस पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं उसमें लिखा गया है कि हमें नियम स्वीकार हैं। ’’उन्होंने कहा, हमने कुछ सवाल उठाये हैं और खेल सचिव ने कहा है कि उनका निवारण किया जायेगा। हमने उच्च स्तरीय परीक्षण की अतिरिक्त कीमत देने पर सहमति जतायी है।