पटना। बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। कमी सिर्फ यहां के अभिभावकों की खेलों के प्रति इच्छाशक्ति की। ये बातें आज भारतीय हॉकी टीम के चीफ कोच हरेन्द्र सिंह ने कहा।
बीएमपी पांच के हॉकी मैदान पर आज संपन्न हुए द्वितीय आरके राय मेमोरियल सेवन ए साइड हॉकी टूर्नामेंट के मुख्य अतिथि पूर्व ओलंपियन पदमश्री धनराज पिल्लै ने कहा कि बिहार ने कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए है। वत्र्तमान स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ,संघ व सभी हॉकी प्रेमी को मिलकर काम करना होगा।
भारतीय हॉकी टीम के चीफ कोच बिहार निवासी हरेन्द्र सिंह ने कहा कि पूरे देश में हमारे राज्य के सैकड़ो आईएएस व आईपीएस व अन्य बड़े पदों पर अधिकारी है। बिहार के अभिभावाकों की नजर में खेल सबसे नीचे है। जबतक नजरिया नहीं बदलेगा बच्चा मैदान से नहीं जुड़ेगा। अभिभावक बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप, मोटरसाइकिल हंसते हुए दिलाते है। इसका परिणाम हैं कि बच्चे आंखो से व शरीरिक रूप से कमजोर हो रहे है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर व दवा पर कम खर्च करना है तो अपने बच्चों को मैदान पर लेकर जाइए।
पूर्व ओलंपियन धनराज पिल्लै ने कहा कि हॉकी इंडिया में अच्छा काम हो रहा है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। हमने आठ ओलंपिक गोल्ड जीते है। विश्व चैंपियन बने है।
इसलिए हॉकी राष्ट्रीय खेल है। हमारी दोनों टीम ने ओलंपिक में खेलने का कोटा प्राप्त कर लिया है। हमारी टीम वत्र्तमान समय में अच्छा खेली रही है। पिल्लै ने कहा कि हॉकी इंडिया और वरीय हॉकी खिलाड़ी काम करें। क्रिकेट में आज खिलाड़ियों की पूछ है। पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष है। उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी एक बार पुन: शीर्ष पर स्थापित होगी।