पटना, 27 अक्टूबर। चक्रवात दाना का असर स्थानीय मोइनुल हक स्टेडियम रणजी ट्रॉफी के अंतर्गत बिहार और कर्नाटक के खेले जा रहे मुकाबले में दिखा। शनिवार की रात हुई हल्की बारिश के कारण आउट फील्ड गीता होने और पिच के आसपास गिरने पानी को सुखाने का लाख प्रयास किये जाने के बाद भी मैच शुरू नहीं हो सका।
पिच के आसपास गिरे पानी को सुखाने के लिए ग्राउंडसमैन द्वारा वहां आग जला सुखाने का प्रयास किया गया। ब्लो-ड्रायर का उपयोग भी किया गया।
रविवार को सुबह 8.30 बजे कर्नाटक के बैकरूम स्टाफ के चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी कि आज का दिन कैसा रहने वाला है।
मयंक अग्रवाल की टीम, जो पिछले दो मुकाबलों में केवल दो अंक ही हासिल कर पाई है, जीत के लिए बेताब है। और वह भी एकतरफा जीत, जिससे सात अंक हासिल करने की उम्मीद है।
शायद इस दिन की एकमात्र अच्छी बात यह रही कि मयंक को पिछले दिन फूड पॉइजनिंग के कारण कुछ समय के लिए आराम मिल गया। उनकी टीम ने पहले से ही खतरे को भांप लिया था इसलिए वे मैच स्थल पर नहीं गए।
बिहार के खिलाड़ियों ने लंच के बाद फुटबॉल खेला। दर्शकों का आना-जाना सुबह से ही चालू था और निराश होकर लौट रहे थे। कर्नाटक सोमवार को बिना किसी नुकसान के 16 रनों पर अपनी पहली पारी शुरू करेगा।