नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित की गई प्रशासको की समिति (सीओए) ने फैसला किया है कि बीसीसीआई के सीएफओ संतोष रांगनेकर के वेतन में वृद्धि की जाएगी लेकिन आईपीएल के सीओओ हेमंग अमीन के साथ ऐसा नहीं होगा। इस फैसले पर सीएओ 2-1 में बंटा हुआ है।
वहीं, बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की इस मुद्दे पर अपनी अलग कहानी है। सीओए की सोमवार को बैठक हुई थी। इस बैठक से संबंधित एक सूत्र ने बताया कि बैठक में सीओए सदस्य डायना इडुल्जी ने एक बार फिर आईपीएल सीओओ के वेतन में बढ़ोत्तरी की बात रखी। उन्होंने कहा कि अमीन ने बेहतरीन काम किया है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।
सूत्र ने कहा, “सीओए के मुखिया विनोद राय और लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे ने सीएफओ की वेतनवृद्धि का समर्थन किया है जैसा कि उन्होंने पिछली बैठक में किया था जबकि डायना ने एक बार फिर उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन असफल हो गईं।
सूत्र ने बताया, डायना ने समिति से कहा कि उन्हें सीएफओ के वेतन बढ़ोत्तरी से दिक्कत नहीं है, लेकिन सीओओ भी वेतनवृद्धि के बराबरी के हकदार हैं क्योंकि उन्होंने आईपीएल के आयोजन में गजब का काम किया है।
सूत्र ने कहा, पहले सीएफओ ने बेहतरीन प्रेजेंटेशन दिया ताकि सीईओ राहुल जौहरी का वेतन बढ़े और अब सीईओ सीएफओ के मामले को आगे बढ़ा रहे हैं।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि संदेश यह जा रहा है कि बीसीसीआई में सीओए के अंतर्गत काबिलियत को पुरस्कार नहीं मिलता। अधिकारी ने साथ ही कहा कि अक्टूबर में होने वाले चुनावों के बाद जनरल बॉडी इस फैसले की समीक्षा करेगी।
उन्होंने कहा, यह किसी भी तरह से हैरानी की बात नहीं है और मैं इस मुद्दे पर अभी कुछ नहीं सकता क्योंकि जनरल बॉडी इस फैसले की समीक्षा करेगी, लेकिन सीएफओ को आईपीएल सीओओ से ज्यादा वेतन देना साफ संदेश है कि बीसीसीआई में इस समय काम करने की काबिलियत ज्यादा मायने नहीं रखती। उन्होंने कहा, उन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान आईपीएल का आयोजन कियाी। यह सबूत साफ तौर पर बीसीसीआई को दिखाई नहीं दे रहा है।