टोक्यो। भारतीय तिकड़ी ने कजाखस्तान को 6-2 से हरा दिन की अच्छी शुरुआत की थी लेकिन क्वार्टर फाइनल में उनका सामना नंबर एक कोरिया से था जिससे उसे 0-6 से करारी हार का सामना करना पड़ा।
पुरुष टीम स्पर्धा में कोरिया के डियोक जे किम, वूजिन किम और जिनयेक ओह ने भारतीय टीम को 59-54, 59-57, 56-54 से हराया।
कोरियाई टीम का अभियान स्वर्ण पदक के साथ खत्म हुआ। फाइनल में उसने चीनी ताइपै को 6-0 से हराकर इन खेलों में अपना दबदबा बरकरार रखा। इससे पहले मिश्रित युगल में दीपिका कुमारी और जाधव की जोड़ी भी कोरियाई टीम से हारकर क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी। टीम स्पर्धाओं में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण तीरंदाजी में ओलंपिक के पहले पदक की उम्मीदें धूमिल होती जा रही है।
कोरियाई पुरुष टीम पहले दो सेट में पूरी लय में दिखी। उसने कुल 12 में से 10 ‘परफेक्ट 10’ जमाकर भारतीयों पर दबाव बना दिया। विश्व चैंपियनशिप 2019 की रजत पदक विजेता भारतीय टीम ने दूसरे सेट में अच्छी चुनौती पेश की और चार बार 10 अंक बनाये लेकिन दास आखिरी तीर पर केवल आठ अंक बना पाये और कोरियाई टीम ने यह सेट जीत दिया।
भारत को ग्वाटेमाला सिटी विश्व कप के स्वर्ण पदक विजेता दास ने निराश किया जिन्होंने इससे पहले कजाखस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। वह कोरिया के खिलाफ एक बार भी ‘परफेक्ट 10’ नहीं बना पाये।
दूसरी तरफ पहली बार ओलंपिक में खेल रहे जाधव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और पांच बार 10 के स्कोर बनाये जबकि तीसरे ओलंपिक में खेल रहे राय ने तीन बार 10 स्कोर बनाया लेकिन यह जीत के लिये पर्याप्त नहीं था।
सेना के अनुभवी तीरंदाज राय का संभवत: यह आखिरी ओलंपिक है। उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है यह उम्मीदों के मुताबिक नहीं है। भारत की तीरंदाजी में पदक की उम्मीद अब व्यक्तिगत मुकाबलों पर टिकी है जिसमें तीनों पुरुष खिलाड़ी और दीपिका बुधवार को मैदान पर उतरेंगे।