पटना। लोग अपने पुरखों की याद को किसी न किसी रूप में संजोए रखना चाहता हैं पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के हुक्कमरान अपने संघ के संस्थापक अध्यक्ष ए एम हेमन को भूलता दिख रहा है। जिसका उदाहरण है बीसीए की टूर्नामेंट कमेटी द्वारा आगामी 18 फरवरी,2023 से राज्य के 8 जोनों पर अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट कराने का अपना कार्यक्रम जारी किया जा चुका है। इस अंतर जिला टूर्नामेंट के लिए जारी टाईशिट में हेमन ट्रॉफी का नाम बदल कर बीसीए अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट कर दिया गया है। इसके बाद से प्रदेश के गांव-गांव में खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर हेमन ट्रॉफी का नाम एकाएक क्यों बदल दिया गया है। एएम हेमन के नाम पर हेमन ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट वर्ष 1951-52 में हुई थी जिसका चैंपियन जमशेदपुर इलेवन हुआ था।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी, जिसका पंजीकृत प्रधान कार्यालय जमशेदपुर में था, जिसमें स्वर्गीय ए. एम. हेमन अध्यक्ष, के.ए.डी. नौरोजी और प्रोफेसर मोइनुल हक उपाध्यक्ष, एन. कुरैशी सचिव और नागरवाला के मानद कोषाध्यक्ष के रूप में थे। स्व. एएम हेमन 1940 तक बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे।
एएम हेमन इंडियन ओलंपिक टीम के भी सदस्य रह चुके हैं। वर्ष 1932 में ब्रिटिश इंडियन ओलंपिक टीम के सदस्य रहे।
सवाल यह उठता है कि नाम बदलने के लिए क्या किसी से विचार-विमर्श किया गया। क्या बीसीए के कमेटी ऑफ मैनेजमेंट समेत एसजीएम में इसे पास कराया गया है। इन सवालों का जवाब तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को देना होगा।