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Saturday, April 20, 2024

Best स्टूडेंट & Best प्लेयर बनीं Excellent टीचर

पटना। साठ के दशक में बिहार के नामी व्यवसायी के घर एक नन्हीं परी आई जो अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि से अलग एक तरफ जहां शिक्षा के क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरी तो वहीं दूसरी तरफ खेल में भी लंबी छलांग लगाई। एक हाथ में ऑक्सफोर्ड ऑफ ईस्ट इंडिया से डॉक्ट्रेट की उपाधि तो दूसरे हाथ में खेल के दर्जनों मेडल। सफर यहीं नहीं थमा और आज वे राज्य के प्रतिष्ठित स्कूल में अपने ज्ञान और अनुभव से बच्चियों को आसमान छूने को प्रेरित कर रही हैं। हम बात कर रहे हैं अपने जमाने की जानमानी टेबुल टेनिस प्लेयर और आईटी टीचर श्रीमती डॉ सुनीता अग्रवाल जो खेल विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी रहे अजय कुमार बोस से शादी होने के बाद डॉ सुनीता बोस हो गईं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

सायंस ओलंपियाड फाउंडेशन द्वारा दिये गए अवार्ड के साथ डॉ सुनीता बोस

बिहार के नामी व्यवसायी स्व.ज्वाला प्रसाद अग्रवाल की छोटी व लाडली संतान डॉ सुनीता बोस ने स्कूली शिक्षा बिहार के प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल से शुरू की। इन्हीं दिनों पिता की प्रेरण व अपनी बड़ी बहन सबिता तोदी के सहयोग से खेलों में भी कदम रखा। बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुनीता बोस ने न सिर्फ अपनी पहचान पढ़ाई में बनाई बल्कि खेलों में अपनी गहरी छाप छोड़ी। राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में अनेकों पदक अपनी झोली में समेटा तो वहीं कई बार राष्ट्रीय विद्यालय टेबुल टेनिस प्रतियोगिता में राज्य टीम का प्रतिनिधित्व किया। स्कूली शिक्षा के बाद आगे की शिक्षा पटना विश्वविद्यालय में हुई। वहां भी खेल से इनका नाता जारी रहा और इन्होंने पटना विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए ईस्ट जोन इंटर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में न सिर्फ स्वर्ण जीता बल्कि ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी को तीसरा स्थान दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त वे लगातार तेरह वर्षों तक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में राज्य टीम का प्रतिनिधित्व करती रहीं और अपनी गहरी छाप छोड़ीं। खिलाड़ी के रूप में इनके कैरियर को लगातार आगे बढ़ाने में अजय कुमार बोस का बहुत बड़ा योगदान रहा जिन्होंने इस खेल की कई बारिकियों सिखाईं।

अपरेश घोष से पुरस्कार लेतीं हुईं डॉ सुनीता बोस।

वहीं दूसरी तरफ शिक्षा के क्षेत्र में इनके कदम सीढ़ी दर सीढ़ी बढ़ते चल गए। एमए, बीएड,पीजीडीसीए डिग्री ए ग्रेड प्रथम श्रेणी में हासिल की। फिर राजनीति शास्त्र में पीएचडी की भी उपाधि प्राप्त की। शिक्षा के क्षेत्र में इनकी इस सफलता में पटना विश्वविद्यालय से एलएलबी डिग्रीधारी पिता स्व. ज्वाला प्रसाद अग्रवाल का काफी सहयोग रहा।

वर्ष 2001 में इन्हें राजधानी के प्रतिष्ठित संत जोसेफ कान्वेंट हाईस्कूल में कंप्यूटर फैकल्टी में सेवा करने का अवसर मिला। इनके शिक्षण व मार्गदर्शन की ही देन है कि इस विषय में स्कूल की छात्राएं लगातार आईसीएसई बोर्ड में शत प्रतिशत सफलता के साथ अव्वल (टॉप-10 में) रहती हैं।

वर्ष 2017 में स्कूल प्रबंधन ने दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में आयोजित लोरेटो इंटरनेशनल एजुकेशन कान्फ्रेंस में डॉ सुनीता बोस व अन्य।

इनकी मेहनत और लगन को देखते हुए वर्ष 2017 में स्कूल प्रबंधन ने दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में आयोजित लोरेटो इंटरनेशनल एजुकेशन कान्फ्रेंस में भारतीय दल के सदस्य के रूप में भाग लेने के लिए भेजा जो इनके जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए स्कूल प्रबंधन हमेशा कई नई जिम्मेवारियां सौंपती रही हैं, जिनका ये पूरी निष्ठा व ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करती रही हैं। स्कूल की सायंस ओलंपियाड कॉर्डिनेटर के रूप में इनके बेहतर कार्य को देखते हुए वर्ष 2016 में सायंस ओलंपियाड फाउंडेशन (एसओएफ) ने बेस्ट डिस्ट्रिक्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया तो वहीं इसी वर्ष इन्हें ‘गुरु रत्न अवार्ड’ भी मिला।
ये न सिर्फ स्कूली शिक्षण-प्रशिक्षण तक ही सीमित हैं बल्कि राजधानी की प्रतिष्ठित अरविंद महिला कॉलेज में गेस्ट टीचर के रूप में अध्यापन कार्य भी करती हैं जिसके लिए इन्हें कॉलेज प्रशासन से कई बार सराहना भी मिलती रही है।

इनके जीवन में आगे बढ़ने का एक और शानदार मौका आया था जब इन्होंने ब्रिटिश कमीशन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल इंग्लिश लंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS) परीक्षा को 8.5 बैंड बेहतर स्कोर के साथ पास की। तदोंपरांत वर्ष 2003 में कनाडा के एंटोरियो यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के रूप में नियुक्त भी हो गई थीं लेकिन कुछ पारिवारिक कारणों से वे वहां नहीं जा सकी।

पटना के यंग मेंस इंस्टीच्यूट में आयोजित टेबुल टेनिस प्रतियोगिता में मुख्य अतिथिके रूप में हिस्सा लेती हुईं डॉ सुनीता बोस।
डॉ सुनीता बोस अपने पति अजय कुमार बोस के साथ।

शांत स्वभाव की सुनीता बोस मेहनत व ईमानदारी में विश्वास करती हैं। यही कारण है कि जीवन में कई उतार-चढ़ाव होने के बावजूद भी हमेशा जीत इनकी ही हुई है। इनकी लगन व मेहनत ही इनकी सफलता की पूंजी है। ये अपने पारिवारिक जिम्मेवारियों को भी बखूबी निभाती हैं और अपने फ्री टाइम में किताबें भी लिखती हैं। खेलकूद के अलावा राजनीति, समाजसेवा और शेयर मार्केट में दिलचस्पी रखने वाली सुनीता बोस के इस मुकाम तक पहुंचने में इनके पिता, दीदी और पति अजय कुमार बोस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमेशा जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे रहने वाली सुनीता बोस का आज भी शिक्षा के अतिरिक्त टेबुल टेनिस से भी नाता जुड़ा हुआ है और प्राय: विभिन्न खेल आयोजनों में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाती हैं।

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