पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के द्वारा रविवार को अवैध रूप से बुलाई गई मीटिंग में जो भी हुआ बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के इतिहास मे एक कला अध्याय के रूप मे दर्ज हो गया। उनके कार्यकाल मे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अपने गलत कार्यो से जाना जाएगा। ये बातें क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के पूर्व सचिव आदित्य वर्मा ने प्रेस रिलीज कर कही है। उन्होंने प्रेस रिलीज में अपने आपको सारण जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बताया है।
एक लोकपाल को नियम के खिलाफ बहाल करने के बाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्यों को एक-एक कर बाहर करा दिया। हर आदेश के बाद लोकपाल को उनके अनैतिक कार्यो के लिए इनाम मिला। समय आने पर कुछ करतूतों को मीडिया के माध्यम से आम लोगों के बीच लाया जा सकता है। उदाहरणार्थ जब पूर्व के लोकपाल के आदेश को नियम के खिलाफ नए लोकपाल ने खारिज कर अध्यक्ष के पक्ष मे अनेक आदेश दिया है।
महत्वपूर्ण आदेश एक चुने हुए सचिव को हटाने का फैसला लिया गया पहले आदेश लिख कर अध्यक्ष को लोकपाल ने दिखाने के लिए मेल किया था सबूत है, जो जिला क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष के क्रिया कलाप से सहमत नहीं था उन सभी को लोकपाल के माध्यम से एक-एक करके बाहर किया गया और अपने चापलूसों को लाया गया है।
सचिव के हस्ताक्षर से ही कोई मीटिंग बिहार क्रिकेट संघ बुला सकता है, लेकिन आज का बैठक जो AGM था उसे अध्यक्ष ने अपने अवैध जिला के प्रतिनिधि के द्वारा कराया जा रहा था, जानकारी मिलने के बाद बिहार क्रिकेट के 31 जिला क्रिकेट एसोसिएशन के लोगों ने मीटिंग मे पहुंच कर जब अध्यक्ष से सवाल पूछने लगे तो अध्यक्ष अपने घर भाग कर चले गए।
बहुत ही आश्चर्य हुआ जब बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली का मेल की कॉपी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव दोनों को मार्क कर आया है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के साथ-साथ सचिव संजय कुमार के संयुक्त हस्ताक्षर वाले मेल को ही बीसीसीआई सही मानेगी। यह जानते हुए एक साजिश कर पूरे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के ऊपर अपना कब्जा करने की एक नाकाम कोशिश को जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नेस्तनाबूद कर दिया। इसकी पूरी जानकारी बीसीसीआई को दे दी गई है।