चेन्नई। फिडे विश्व कप में रजत पदक जीतकर फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले भारतीय शतरंज स्टार आर प्रज्ञानानंदा का स्वदेश पहुंचने पर बुधवार को भव्य स्वागत किया गया ।
प्रज्ञानानंदा ने इस मौके पर कहा कि उन्हें स्वर्ण पदक चूकने का मलाल है लेकिन रजत जीतना भी शानदार प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि अगली बार वह इसका चैम्पियन बनना चाहेंगे। प्रज्ञानानंदा को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 30 लाख रुपये और एक स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर जब एक पत्रकार उनसे पूछा कि क्या उन्हें शतरंज विश्व कप फाइनल में नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से हारने का कोई अफसोस है।
उन्होंने कहा कि मुझे कुछ पछतावा है… लेकिन रजत पदक एक शानदार परिणाम है। मेरा ध्यान मुख्य प्रतियोगिता (विश्व कप) जीतने पर है।
प्रज्ञानानंदा मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए अलवरपेट स्थित उनके आवास पर पहुंचे। इस अवसर पर राज्य के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन, प्रज्ञानानंदा के माता-पिता के अलावा अधिकारी उपस्थित थे। विलक्षण प्रतिभा के धनी इस खिलाड़ी ने मुख्यमंत्री को वह रजत पदक दिखाया जो उन्होंने 2023 फिडे विश्व कप में जीता था।
स्टालिन ने कहा कि प्रज्ञानानंदा की उपलब्धियों ने तमिलनाडु और पूरे देश को गौरवान्वित किया है। चेन्नई लौटने पर उन्हें इस प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी से मुलाकात करने की खुशी है।
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि मुझे प्रज्ञानानंदा को एक स्मृति चिन्ह और 30 लाख रुपये के इनाम से सम्मानित करने का मौका मिला। यह खेल में युवा प्रतिभाओं को पोषित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रज्ञानानंदा अपनी इस लय को जारी रखे और आने वाली चुनौतियों में भी विजयी बनें।
स्टालिन से मुलाकात के बाद प्रज्ञानानंदा ने कहा कि राज्य सरकार का समर्थन खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करता है। राज्य में 44वें शतरंज ओलंपियाड के आयोजन से शतरंज को बढ़ावा मिला। मैं मुख्यमंत्री और खेल मंत्री को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।
इससे पहले यहां हवाई अड्डे पर प्रदेश के खेल विभाग के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। उनके प्रशंसक निकास द्वार पर जमा थे और उन्हें फूलों का गुलदस्ता, शॉल और फूलों का मुकुट प्रदान किया। उनके बाहर निकलने पर उन पर फूल बरसाये गए और कलाकारों ने तमिलनाडु के लोकनृत्य प्रस्तुत किये।
उन्होंने अपने वाहन के दोनों तरफ खड़े मीडिया से कहा कि मैं इस स्वागत से अभिभूत हूं। उनकी मां नागलक्ष्मी भी अपने 18 वर्षीय बेटे के स्वागत से भाव विभोर थी।
भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंदा को बाकू में फिडे विश्व कप फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने हराया । इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रदर्शन से करोड़ों देशवासियों का दिल जीत लिया।