पटना। बिहार क्रिकेट संघ के सचिव अमित कुमार ने बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर पलटवार करते हुए कहा कि जिनके कार्य पर रोक लगा हुआ और जो पिछले 4 वर्षों से बीसीए को असंवैधानिक तरीके से संचालित कर सचिव विहीन संस्था बनाने में लगे हुए हैं इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें असंवैधानिक कार्यों का महारथ हासिल है।
बीसीए के सचिव अमित कुमार ने आगे कहा कि कार्य पर रोक लगने और इनके खिलाफ मिल रही शिकायतों व कार्यों की जांच के लिए संजय सिंह के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत होने वाली रिपोर्ट में अपने- आपको दोषी पाए जाने की डर से पहले ही अपना आपा खो बैठे हैं। जिसकी बौखलाहट में घबराकर दिन प्रतिदिन अवैध, अनैतिक,असंवैधानिक व अनाधिकार कार्य कर रहे हैं जो इनके अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं साथ हीं साथ माननीय सर्वोच्च न्यायालय और बीसीए के नैतिक पदाधिकारी सह लोकपाल से पारित आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था अपने नियम और विनियम के तहत आधारित संविधान से चलता है ना कि किसी व्यक्ति विशेष के मौखिक तुगलकी फरमान से जैसा कि कल रात को अचानक एक सोशल मीडिया और पोर्टल न्यूज़ पर कलम – कागज विहीन कमेटी ऑफ मैनेजमेंट के कुछ लोगों के फोटो के साथ एक बैठक की मनगढ़ंत सूचना प्रकाश में आती है जिसे जानकर आपको घोर आश्चर्य होगा कि बीसीए के उपाध्यक्ष दिलीप सिंह, संयुक्त सचिव प्रिया कुमारी एक सत्र में अंडर- 25 सिलेक्टर और उसी टीम का कोच बनने वाले अस्वीकृत तथाकथित आइसीए के सदस्य विकास कुमार रानू और लवली राज पर कंपलीट ऑफ इंटरेस्ट का मामला दर्ज है और बीसीए के माननीय लोकपाल महोदय ने नामजद इन सबों के कार्य पर अगले आदेश रोक लगा रखा है। जबकि विशेष आम सभा ने जांच रिपोर्ट आने तक अध्यक्ष के कार्य पर भी रोक लगा रखी है।
आप सबको बता देना चाहता हूं कि जिस कमेटी ऑफ मैनेजमेंट की बैठक का जिक्र अपने तुगलकी फरमान में कर रहे हैं वो बैठक हीं नहीं हो पाया था। क्योंकि बीसीए का संविधान सर्वविदित है जिसमें कमेटी ऑफ मैनेजमेंट, एजीएम, और एसजीएम की बैठक बुलाने का अधिकार केवल सचिव को है और विशेष परिस्थिति में 13 जिला संघों के एक समूह द्वारा संचालित किया जा सकता है जो 4 फरवरी 2023 को 17 जिला संघ ने नालंदा में संपन्न कराया।
बीसीए प्रवक्ता कृष्णा पटेल ने अपने मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं बिहार के प्रतिष्ठित राजनीतिक पार्टी जनता दल यूनाइटेड और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का एक छोटा सा सिपाही हूं और लोकतंत्र व संविधान में पूरी आस्था और विश्वास रखता हूं। फिलहाल मैं संवैधानिक रूप से कार्य कर रहे बीसीए के सचिव अमित कुमार द्वारा अधिकृत प्रवक्ता हूं जिसका मेल मुझे प्राप्त है और इससे पूर्व भी मैं बीसीए मीडिया कमेटी का संयोजक सह प्रवक्ता रहा हूं जिसका प्रमाण भी मेरे मेल पर मौजूद है। अति का अंत हुआ तो आवश्यकता पड़ने पर मैं कई कॉल रिकॉर्डिंग भी सार्वजनिक करने पर मजबूर हो जाऊंगा जो यह स्पष्ट कर देगा कि किस प्रकार का दबाव अथवा झूठा प्रलोभन असंवैधानिक कार्यों का सहभागी बनने के लिए दिया जाता रहा है जो मैं कतई नहीं चाहता हूं और ना ही मेरी ऐसी कोई भावना है।


