पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए, Bihar Cricket Association) सबकुछ सही-सही चलता रहे ऐसा कभी नहीं हो सकता है। यहां संघ के बाहर के लोग तो आरोप-प्रत्यारोप तो हमेशा लगाते रहते हैं पर संघ के पदाधिकारी या उससे जुड़े लोग भी इसमें पीछे नहीं रहते हैं। वे भी अपनी बात को कहने के लिए संघ के विभिन्न व्हाटशएप ग्रुप या अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी बात रख देते हैं। ताजा मामला है बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के टूर्नामेंट कमेटी के सदस्य और संयोजक का।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के टूर्नामेंट कमेटी के सदस्य विनय कुमार झा ने बीसीए टूर्नामेंट कमेटी के व्हाटशअप ग्रुप में एक पीडीएफ फाइल डाली। विनय कुमार झा ने इस पीडीएफ फाइल को रात में डाला था। सुबह जब इस पीडीएफ फाइल को संयोजक ज्ञानेश्वर गौतम ने देखा तो विफर गए। उन्होंने ग्रुप में ही तुरंत जवाब और विनय कुमार झा को इस ग्रुप से रिमूव भी कर दिया।

ज्ञानेश्वर गौतम ने लिखा विनय जी ये पारसनाथ राय कौन हैं। क्या ये बीसीए के लोकपाल हैं और यदि नहीं तो फिर बीसीए के ग्रुप पर आपने इसे क्यों डाला। यदि भेजना था तो निजी नंबर पर भेजते। ये अत्यंत दुखद है। आप खेल के बारे में लिखते हैं, खेल चाहते, ये अच्छा है और इसीलिए अध्यक्ष महोदय ने आपको टूर्नामेंट कमेटी का सदस्य बनाया लेकिन आपका ये एक्ट किसी तरह से स्वीकार्य नहीं है। इस जवाब के तुरंत बाद इस ग्रुप से विनय कुमार झा को रिमूव कर दिया गया।
दरअसल विनय कुमार झा ने जो पीडीएफ फाइल थी वह एक आदेश की कॉपी थी। यह आदेश बीसीए लोकपाल (सचिव गुट) के द्वारा जारी की गई है जिसमें बीसीए चुनाव (अध्यक्ष गुट) को रोकने को लेकर थी।
ऐसा नहीं है कि विनय कुमार झा ने ऐसा पहली बार किया है। सोशल मीडिया पर वे हमेशा लिखते रहते हैं। उन्होंने बीसीए जीएम क्रिकेट ऑपरेशन के बारे में भी फेसबुक पर लिखा था पर हाल के कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर पहले की अपेक्षा शांत चल रहे थे पर पिछले एक दिन से विनय कुमार झा फिर से सोशल मीडिया पर मुखर हो गए हैं।

