पटना। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) पर एक बार सवाल खड़े होते दिख रहे हैं। झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित बीसीसीआई की दलीप ट्रॉफी के लिए ईस्ट जोन टीम चयन की बैठक में सेलेक्टर की जगह एडमिनिस्ट्रेटर के शामिल होने के बाद से तरह-तरह तकनीकी सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल इसीलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि सेलेक्टर की जगह एडमिनिस्ट्रेटर ने दलीप ट्रॉफी ईस्ट जोन टीम को चुना है।
बीसीसीआई की दलीप ट्रॉफी के लिए ईस्ट जोन टीम के चयन में संयोजक समेत कुल सात लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें बंगाल से शुभोमय दास, झारखंड से सुब्रतो दास, असम से सत्य गोपाल चक्रवर्ती, ओड़िशा से सुबित विस्वाल, त्रिपुरा से जयंत डे और बिहार से नीरज सिंह ने हिस्सा लिया। इस चयन समिति के संयोजक झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के सचिव देवाशीष चक्रवर्ती हैं। क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि बीसीसीआई की ईस्ट जोन स्तर की चयन समिति में चयनकर्ता के रूप में राज्य चयन समिति के सदस्य या कम से कम रणजी ट्रॉफी स्तर के प्लेयर ही शामिल हो सकते हैं पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने तो यहां खेला कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने चयनकर्ता के रूप में बीसीए के जीएम एडमिन नीरज सिंह का नाम अनुशंसित किया था। लोग सवाल यह कर रहे हैं कि बीसीए की अपनी चयन समिति नहीं क्या है। इसके साथ यह भी सवाल उठने लगे हैं कि अबतक राज्य टीम के चयन में कहीं न कहीं सेलेक्टर की जगह एडमिनिस्ट्रेटर की ही भूमिका के कारण समय-समय पर चयन को लेकर बिहार क्रिकेट में बवाल खड़ा होते रहे हैं।
सवाल भी उठ रहा है कि अगर एडमिनिस्ट्रेटर को ही भेजना था तो बीसीए के पास अपने समय के बिहार के एक दिग्गज क्रिकेटर जीएम (क्रिकेट ऑपरेशन) सुनील सिंह और बीसीए के क्रिकेट मैनेजर मनीष ओझा हैं पर इन दोनों पर आखिरी बीसीए ने भरोसा क्यों नहीं किया। बीसीए के इन करतूतों के कारण बीसीसीआई वेबजह सवाल के घेरे आ गया है।




