चेन्नई। महिला ग्रैंडमास्टर (डब्ल्यूजीएम) आर. वैशाली और उनके भाई आर. प्रगानन्धा शनिवार से शुरू होने वाले फिडे के पहले ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड की पूरी शिद्दत के साथ तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इन दोनों खिलाड़ियों के लिए इस तरह की तैयारी रोज का काम है लेकिन इनकी मां को गर्व है कि उनके बच्चे पहले ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में हिस्सा लेने वाले पहले भाई-बहन बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाले हैं।
इन दोनों की मां एन. नागालक्ष्मी ने आईएएनएस से कहा, हमारा घर हमेशा से शांत रहता है क्योंकि हम टीवी नहीं चालू करते। वैशाली (19) और प्रगानन्धा (14) अलग-अलग अभ्यास करते हैं। यह सच है कि दोनों ऑनलाइन शतरंज ओलम्पियाड के लिए भारतीय टीम में हैं लेकिन घर पर जो हो रहा है, वो रोज की बात है।
उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चों को ओलम्पियाड में खेलते हुए देखना चाहती थीं और उनका यह सपना अब सच होने वाला है। प्रगानन्धा ने आईएएनएस से कहा, ऑनलाइन ओम्पियाड के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की है। हम जिस तरह से अभ्यास करते थे, उसी तरह से कर रहे हैं। दूसरी टीमों में जो खिलाड़ी हैं, वो शीर्ष स्तर के हैं। यहां अंतर सिर्फ इतना है कि हमें जल्दी अपनी चालें चलनी होंगी और यह ऑनलाइन होगा। उन्होंने कहा कि वह रोज छह घंटे अभ्यास करते हैं।
दोनों के कोच ग्रैंड मास्टर आर.बी. रमेश ने आईएएनएस से कहा, हम किसी एक टूर्नामेंट के लिए अभ्यास नहीं करते हैं बल्कि लगातार जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग करते हैं।
प्रगानन्धा ने कहा कि टूर्नामेंट बेशक शनिवार से शुरू हो रहा है लेकिन शीर्ष डिवीजन में टीमें 19-20 अगस्त को खेलेंगी। शनिवार से क्वालीफाइंग मैच शुरू हो रहे हैं।
वैशाली और प्रगानन्धा अभ्यास अलग-अलग करते हैं लेकिन वह मैच और पोजिशन को लेकर साथ में बात करते हैं। उनकी मां ने कहा, वह एक दूसरे के साथ भी खेलते हैं।
वैशाली (लड़कियों के वर्ग में आठवीं रैंक पर) और प्रगानन्धा अपने-अपने वर्ग में र्जिव में हैं। दोनों को उम्मीद है कि उन्हें खेलने का मौका मिलेगा। भारत की महिला टीम में विश्व नंबर-2 कोनेरू हम्पी और वल्र्ड नंबर-9 द्रोणावल्ली हरिका हैं।
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