पटना, 9 जुलाई। राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में आप किसी काम से जा रहे हैं तो वहां पहुंचने के लिए अपने निजी वाहन का इस्तेमाल का न करें क्योंकि आपकी गाड़ी को परिसर इंट्री नहीं जायेगी और बाहर कोई पार्किंग की सुविधा है ही नहीं। साथ ही सुरक्षा की गारंटी नहीं।
सुरक्षा की गारंटी की बात खेलढाबा.कॉम नहीं कर रहा है यह बातें बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण द्वारा जारी खबर में कहा गया है। उन्होंने मीडिया बंधुओं के व्हाटशअप ग्रुप khelo Bihar में आई कार्ड और विजिटर पास को लेकर जो खबर जारी की है उसमें इसकी जरुरत क्यों पड़ी क्या भी जिक्र किया है जिसमें इस बात का भी उल्लेख है कि परिसर के अंदर छोटी-मोटी चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। इससे बचने के लिए यह स्टेप उठाना पड़ा।
सवाल यह उठता है कि जब परिसर के अंदर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था है। हर दस कदम पर सुरक्षा प्रहरी की तैनाती और वहां से भी चोरी की घटना। जब अंदर सुरक्षा नहीं तो बाहर का क्या ठिकाना।
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इससे बड़ा सवाल यह है कि इतना बड़ा सरकारी खेल परिसर जिसके न तो अंदर और न ही बाहर पार्किंग जोन की कोई व्यवस्था है और न ही इस ओर कभी ध्यान दिया गया।
अबतक पाटलिपुत्र खेल परिसर में इंट्री की नार्मल थी। खेल आयोजनों की बात छोड़ दें तो इसके अंदर वही लोग जाते थे जो यहां तो अभ्यास करते हो, या किसी का कार्यालय से काम हो और उनकी इंट्री गाड़ी के साथ होती थी। गाड़ियों की पार्किंग जहां जिसका मन किया कर दिया। अब भी जो कार्डधारी गाड़ी के साथ यहां इंट्री करेंगे वे जहां-तहां ही पार्किंग करेंगे और उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी।
जानकारों का कहना है कि एक-दो वीआईपी लोगों को छोड़ परिसर के अंदर भी पार्किंग के लिए एक फिक्सड जगह होनी चाहिए जहां लोग अपनी गाड़ी पार्क करें और उन्हें इसके बदले कोई टोकन दिया जाए ताकी वह अपनी गाड़ी की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त रहें।
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दूसरी बात यह कि इस परिसर में प्रो कबड्डी से लेकर कई बड़े-बड़े खेल आयोजन होते रहते हैं इसीलिए बाहर भी सरकार की तरफ से एक पार्किंग जोन की व्यवस्था करनी चाहिए। इस पार्किंग जोन में गाड़ी की पार्किंग शुल्क के साथ ही क्यों न करना पड़े पर सुरक्षा की पूरी गारंटी तो रहेगी। प्रो कबड्डी के दौरान दर्शकों को अपनी गाड़ी की पार्किंग बाहर योंहि रोड पर करना पड़ता है जिससे आवागमन में दिक्कत तो होती है साथ ही वे अपनी गाड़ी की सुरक्षा को लेकर पूरे मैच के दौरान चिंतित रहते हैं।