नई दिल्ली। उदयपुर के जावर स्थित जिंक फुटबॉल अकादमी की सफलता के बाद वेदांता समूह अब अपने फुटबॉल प्रोग्राम को ओड़िशा के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में विस्तार देने पर विचार कर रहा है। वेदांता स्पोर्ट्स के अध्यक्ष अनन्य अग्रवाल ने यह बात कही। फिक्की फ्रेम्स-लीप 2020 में ‘ट्रांसफामिर्ंग थ्रू स्पोटर्स एजुकेशन’ विषय पर बोलते हुए अनन्य ने देश भर में क्वालिटी ग्रासरूट ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के माध्यम से खेल के क्षेत्र के अलावा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के ग्रुप के विजन को सबके सामने रखा।
अनन्य ने कहा, “गोवा और उदयपुर में हमारे ग्रासरूट फुटबॉल डेवलपमेंट मॉडल हैं और इनकी सफलता पर हमें बहुत खुशी है। हम अब ओड़िशा की ओर देख रहे हैं और हमारा लक्ष्य वहां एक फुटबॉल एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरू करने का है।
वेदांता ने भारतीय फुटबॉल के विकास की अपनी विचारधारा को आत्मसात करते हुए गोवा तथा राजस्थान में अत्याधुनिक फुटबॉल अकादमियां शुरू की हैं और इन अकादमियों में अच्छा खास निवेश सिर्फ इस मकसद से किया गया है कि देश में ग्रासरूट स्तर पर फुटबॉल का विकास हो सके।
हिंदुस्तान जिंक द्वारा उदयपुर में संचालित जिंक फुटबॉल और गोवा में वेदांता सेसा गोवा आइरन ओर के सेसा फुटबॉल अकादमी सफलता से काम कर रहे हैं और देश के लिए क्वालिटी फुटबॉलर पैदा कर रहे हैं।

अनन्य ने कहा, हम देश में खेल के विकास की इस यात्रा को जारी रखना चाहते हैं क्योंकि हमारी प्राथमिकता देश में खेलों से जुड़ी दशा और दिशा में बदलाव लाना है। खेलों के जरिए जारी हमारा कम्यूनिटी इंगेज्मेंट प्लान समाज के सभी वर्गों तक पहुंच रहा है।”
अपने सम्भाषण के दौरान अनन्य ने महिला फुटबॉल पर भी जोर दिया। अनन्य ने कहा, “हम महिला फुटबॉल पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। हम इसके माध्यम से हमारे समाज में रह रही महिलाओं को सशक्त बनाना चाहते हैं। गोवा में वेदांता महिला फुटबाल लीग के माध्यम से हम देश में महिला फुटबॉल के विकास में योगदान देने के साथ-साथ देश में पैदा होने वाली हर लड़की को फुटबाल के माध्यम से खुद को दुनिया के सामने रखने का मौका देना चाहते हैं।
फिक्की फ्रेम-लीप (लर्न, एजुकेट, अप्लाई, प्रोग्रेस) मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में शिक्षा और कौशल पर दुनिया का पहला और सबसे बड़ा ऑनलाइन सम्मेलन है, जो शिक्षा प्रणाली में मीडिया और मनोरंजन पाठ्यक्रम को औपचारिक रूप देने के बारे में चर्चा करता है।
अनन्य ने आगे कहा, “मैं खेल शिक्षा को बढ़ावा देने और खेलो इंडिया जैसे प्रोग्राम्स के माध्यम से ग्रासरूट स्तर पर खेलो को प्रोमोट करने के लिए केंद्र सरकार को बधाई देना चाहता हूं। माता-पिता को समझना होगा कि उनके बच्चों के लिए खेलोी करियर का एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।”