पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने बीसीए के नाम पर की गई प्रेस वार्ता को असंवैधानिक बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ही इस क्रिकेट संघ से जुड़े थे और जब उनका दाल नहीं गला तो आज तरह-तरह की मनगढ़ंत भ्रांतियां फैलाते फिर रहे हैं।
सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि जो लोग गीता, गायत्री और गंगाजल से भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात कर रहे हैं उन सभी लोगों का दामन पहले ही भ्रष्टाचार जैसी गंदगी से गंदा हो चुकी है जिसे पूरे देश ने देखा था और उसके प्रमुख बीसीए के पूर्व अध्यक्ष और इस असंवैधानिक प्रेस वार्ता के सभापति खुद गोपाल बोहरा खुद रह चुके हैं।
गोपाल बोहरा आज बीसीए द्वारा की जा रही सराहनीय कार्यों को भ्रष्टाचार का नाम दे रहे हैं तो सर्वप्रथम वो यह जवाब दें कि जिस समय आप बीसीए के अध्यक्ष थें उस समय स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से ऑपरेशन क्लीन बोल्ड दिखाया गया था जिसमें आपके चयनकर्ता और चमचे डायरेक्ट सौदेबाजी कर रहे थे जिसने पूरे बिहार को शर्मसार कर दिया था और आप उसके प्रमुख थें तो वो कितना पवित्र कमेटी थी। उस समय आपने गीता, गायत्री और गंगाजल कहां छुपा रखा था। आपके नेतृत्व में जहां रातों- रात जिला कमेटी को बदल दी जाती थी उस समय जिला पदाधिकारियों की बातों को कितना महत्व दिया जाता था और कितने लोगों के पॉकेट से यह संस्था चल रही थी।
वहीं आज बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के नेतृत्व वाली इस कमेटी के द्वारा सभी जिला संघ के पदाधिकारियों को खुलकर अपनी बात रखने की आजादी दी जाती है और सर्वसम्मति से खेल और खिलाड़ियों के हित में हर कार्य किया जा रहा है। तब आपको इसमें हिटलर शाही और भ्रष्टाचार नजर आती है तो मैं यही कहूंगा कि आपका नजरिया और मानसिक संतुलन दोनों बिगड़ चुका है और आपको अब किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेने की जरूरत है।
वहीं कृष्णा पटेल ने संजीव कुमार मिश्रा पर पलटवार करते हुए कहा कि गीता में सनातन धर्म की पूरी आस्था और विश्वास समाहित है इस पवित्र ग्रंथ को लेकर घूमने या बांटते फिरते रहने से यूं हीं किसी की आत्मा पवित्र नहीं हो जाती बल्कि शुद्ध आत्मा के साथ इस पवित्र ग्रंथ की पूजा-अर्चना करते हुए धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने से आत्मा की शुद्धि होती है और हम पवित्र आत्मा के साथ सकारात्मक कार्य कर पाते हैं।