पटना, 11 अक्टूबर। जब टीम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का सेलेक्टर ही बनायेगा। घरेलू मैचों में परफॉरमेंस करने वाले खिलाड़ी यूं ही टकटकी लगाए बैठे रहेंगे तो क्या जरुरत डंका पीटने की, जिसका बल्ला बोलेगा, वही खेलेगा।
आप सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए घोषित बिहार टीम को देखें। उनके प्लेयरों को देखें। चलिए कुछ प्लेयरों का सेलेक्शन पिछले वर्ष बीसीसीआई के मैचों के किये गए परफॉरमेंस के आधार पर किया गया है।
बिहार सीनियर टीम को मिला नया कप्तान, Syed Mushtaq Ali Trophy के लिए बिहार टीम घोषित
इस टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी सेलेक्ट हुए हैं जो बीसीसीआई तो छोड़िए बीसीए के होम टूर्नामेंट में भी कुछ नहीं कर पाये। कुछ नहीं कर पाये की बात तो छोड़िए इस टूर्नामेंट में एक मैच नहीं खेला। एक मैच खेला क्या जिला टीम में उसे जगह तक मिली और सैयद मुश्ताक अली टीम शामिल है।
आखिर घोषित हुई बिहार Under-19 Boys One Day टीम
यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है। हर बार यही होता है और दूसरे पर न्याय का चाबूक चलाने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी न्याय को अन्याय का रूप किसी को मोहरा बना कर दे देते हैं। इस बार इन सबों ने बीसीसीआई को मोहरा बनाया है। क्या बीसीसीआई के पदाधिकारी ने कहा कि जो जिला टीम में जगह नहीं बना पाता जो जिला टीम में खेलने का हकदार नहीं उसे अपनी टीम में रख लो। अपनी गलतियों या गैरसंवैधानिक कार्यों पर पर्दा डालने के लिए दूसरों को बदनाम करने की आदत कबतक चलती रहेगी।
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परफॉरमेंस चार्ट नीचे है