पटना। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) में आमूल-चूल परिवर्तन की लंबी कानूनी लड़ाई लडऩे वाले आदित्य वर्मा ने अब बिहार क्रिकेट संघ द्वारा खिलाडिय़ों की हकमारी किये जा रहे के खिलाफ जेहाद छेडऩे का फैसला किया है।
सीएबी की रविवार को विशेष आमसभा में उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सूबे में क्रिकेट गतिविधियां ठप्प हैं। खिलाड़ी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। पिछले सत्र में बिहार के खिलाडिय़ों ने बीसीसीआई द्वारा संचालित विभिन्न टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया था। लेकिन आज तक बिहार क्रिकेट संघ ने मैच फीस का भुगतान नहीं किया। उन्होंने कहा कि बीसीए गुटबंदी का शिकार हो गया है। कुर्सी की लड़ाई में खिलाड़ी मारे जा रहे हैं जबकि बोर्ड ने बीसीए को 10.80 करोड़ रुपये भेजा है। यहां के पदाधिकारी उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद संघ का संविधान बीसीसीआई को नहीं भेजे हैं। राज्य सरकार से निबंधित संस्था बीसीए नहीं है क्योंकि बिहार निबंधन विभाग ने रजिस्टे्रशन रद्द कर दिया है।
वर्मा ने कहा कि बीसीए की गलतियों की जानकारी बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली से मिलकर दूंगा और क्रिकेटरों हक की लड़ाई जारी रहेगी।
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