कुंदन श्रीवास्तव, प्रमुख संवाददाता
… ख़त्म हो गईं इंतज़ार की घड़ियां। अब से कुछ घंटों बाद ही राजधानी पटना के मोइनुल हक़ स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी 2024-2025 एलीट ग्रुप सी के दूसरे चरण का एक बड़ा अहम और दिलचस्प मुक़ाबला मेज़बान बिहार और टूरिंग उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीमों के दरमियान होने वाला है।
अपना नया स्वरूप अख़्तियार करने से पहले सुरक्षा कारणों से मनाही के बावज़ूद दोनों टीमों के लिए करो या मरो वाले इस अहम मैच को देखने के लिए यहां और इसके इर्द-गिर्द के इलाक़ों के क्रिकेट शौक़ीनों का हुज़म उमड़ सकता है।
बिहार के पिछले कुछ बड़ी टीमों के साथ हुए मैचों में भी अमूमन ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला था। सूने -सूने स्टेडियम में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ भला कहां मिलता है खिलाड़ियों को ? उन्हें भी तो अपने फ़न की नुमाईश के लिए स्टेडियम में तशरीफ़ लाए फ़ैंस की हौसला-अफ़ज़ाई की हर सूरत में ज़रूरत होती है।
गुदगुदे कॉमेंट्स, तालियों की गड़गड़ाहट, दिलचस्प बैनर्स और मैनर्स वाले क्रिकेट फ़ैंस से ही तो खिलाड़ियों के खेल का मयार और क्रिकेट खेल का रूतबा उरूज़ तक पहुंचता है। ऐसे में बिहार और उसके सगे पड़ोसी उत्तर प्रदेश की मेंस क्रिकेट टीमें एक अदद जीत की तलाश में दो-दो हाथ करने के लिए अब तैयार हैं। यूपी नहीं पर बिहार के लिए जीत नहीं तो ड्रॉ की जरुरत है ताकि उसे फ़िर से प्लेट ग्रुप में न जाना पड़े।
पटना के मोइनुल स्टेडियम में हुनरमंद क्रिकेटर्स का इस वक़्त जमावड़ा जुट भी चुका है और यहां के क्रिकेट प्रेमी अपने संस्कारों के मुताबिक़ न सिर्फ़ उनका दिल से ख़ुशामदीद कहने के लिए तैयार हैं बल्क़ि पूरजोर इस्तक़बाल करने से भी बाज नहीं आएंगे। परंतु जिन खिलाड़ियों के दीदार के लिए यहां के क्रिकेट फैंस इस दिन का इंतज़ार कर रहे थे वही खेलते नज़र नहीं आएंगे इस अहमतरीन मैच में। दिल तो टूटेगा ही, अफ़सोस भी होगा, पर तसल्ली इस बात की है कि उन्हें यह पता है कि उनके चहेते रिंकू सिंह, नितीश राणा, भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ी अपनी नेशनल ड्यूटी की वज़ह से नहीं आ रहे हैं।
ग्रुप सी में बिहार की टीम है और वह अब तक पांच मैच खेल चुकी है जहां उसे चार मैचों में हार का सामना करना पड़ा है इनमें से तीन मैच ऐसे रहे हैं जहां बिहार की टीम को इनिंग डिफीट का सामना करना पड़ा है। बंगाल के ख़िलाफ़ बिहार का मुकाबला ख़राब मौसम की भेंट चढ़ गया था जिसका ही एक प्वाइंट उसके पास है।
दूसरे चरण में बिहार अपना पहला मैच अपने होम ग्राउंड पर अपने ही लोगों के बीच खेलेगा। मौजूदा रणजी क्रिकेट दूसरे चरण का आखिरी दौर 30 जनवरी से होना है और बिहार इस रणजी सत्र का अपना आखिरी मैच केरल में केरल के ख़िलाफ़ खेलेगा।
अब अगर उसे अगले रणजी सत्र में एलीट ग्रुप में ही रहना है तो अपने बचे दोनों दौर के मैचों में से एक मैच हर सूरत में जितना होगा। अभी बिहार को दो मैच यूपी और केरल से खेलना है। वैसे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सेलेक्टर्स ने इस अहम मैच के लिए बिहार की टीम की घोषणा भी कर दी है। टीम की बागडोर एक मर्तबा फिर से वीर प्रताप सिंह के हाथों में है जबकि सक़ीबुल ग़नी को उनका डेप्युटी बनाया गया है।
टीम में विपिन सौरभ, सरमन निग्रोध, सचिन कुमार सिंह, आयूष लोहरूका, बाबुल कुमार, हिमांशु सिंह,राघवेंद्र प्रताप सिंह और वैभव सूर्यवंशी जैसे नाम शामिल हैं पर लोगों की नज़र तो वैभव सूर्यवंशी पर ही रहने वाला है। देखना है रणजी ट्रॉफी मैचों में बड़ी इनिंग खेलने के अपने सपने को इस बार वो साकार कर पाते हैं कि नहीं। राहुल द्रविड़ की शुरुआती ट्रेनिंग उन्हें रणजी ट्रॉफी ट्रैक से डिरेलमेंट से बचाता है या नहीं।
दूसरी जानिब रणजी ट्रॉफी में एलीट ग्रुप सी में इस वक़्त उत्तर प्रदेश की टीम का भी बुरा हाल है। प्वाइंट्स टेबल पर फिलहाल सातवें स्थान पर है वह। अब उन्हें अपनी साख़ बचाने के लिए आखिरी के दो मुकाबले बिहार और मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ खेलने हैं। इसके लिए यूपी क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से अटल बिहारी वाजपेई (इकाना) स्टेडियम में 35 संभावित खिलाड़ियों का कैंप भी लगाया गया था। पांच दिवसीय इस कैंप में यूपी के बड़े नाम नदारद थे। विस्फोटक बल्लेबाज रिंकू सिंह और विकेट कीपर ध्रुव जुरेल इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली भारतीय टी20 टीम में शामिल हैं। चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव स्वास्थ्य का से टीम से जुड़े नहीं थे। उनका चयन भी भारतीय टीम में हो चुका है।
भुवनेश्वर कुमार ने मौजूदा सत्र में एक भी मैच नहीं खेला ,ऐसे में उत्तर प्रदेश की टीम का पूरा दारोमदार युवा खिलाड़ियों पर है। खासतौर पर लखनऊ के लेगी टर्नर जीशान अंसारी से यूपी टीम को उम्मीदें हैं और बिहार के खिलाफ उन्हें खेलने का मौका मिल सकता है। वैसे तो उनकी टीम में दूसरे लेग स्पिनर विप्रेष निगम थे मग़र इस बार वो कैंप से जुड़ नहीं पाए थे, ऐसे में बिहार के बैटर्स को अपनी उंगलियों पर नचाने की यह जिम्मेदारी जीशान को मिल सकती है। इस तरह यूपी का अगला दोनों मैच युवा खिलाड़ियों के लिए सुनहरे मौक़े के तौर पर देखा जा रहा है । अभी यूपी को पहला मैच पटना में बिहार के खिलाफ 23 जनवरी से 26 जनवरी तक जबकि दूसरा मुकाबला 30 जनवरी से 2 फरवरी तक इंदौर में मध्य प्रदेश के खिलाफ खेलना है।
ग़ौरतलब है कि 2024-25 रणजी क्रिकेट सीजन में अब तक एलीट ग्रुप के सभी मैचों में पांच मुकाबले खेले जा चुके हैं प्रत्येक पूल की चोटी की दो टीमें क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी। वैसे कई हाई प्रोफाइल टीमों के मुकाबले अभी होने बाक़ी हैं और इनमें बीसीसीआई की नई दिशा निर्देशों के मुताबिक़ कई भारतीय टीम के नियमित खिलाड़ियों को इस रणजी ट्रॉफी मैच के मरहले में खेलते देखा जा सकता है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि पिछले रणजी ट्रॉफी सीजन में खराब मौसम घने कोहरों ने रणजी ट्रॉफी के मैचों में अपनी जमकर दखलंदाजी की थी जिसको लेकर बीसीसीआई ने इसे सबसे आखरी मरहले में करने का फैसला किया था। परंतु कुछ दिनों से पटना का खुशग़वार मौसम भी आज फिर अपनी नज़रें आड़ी-तिरछी करने लगा है।
ऐसे सूरत हाल में मैच समय पर शुरू हो सकेगा और पूरा समय खेला जा सकेगा संदेह ही है। वैसे मौसम विभाग की जो भविष्यवाणियां हैं और मौजूदा हालात हैं उसको देखते हुए कुछ ऐसा ही लग रहा है। पटना के मोइनुल हक़ स्टेडियम का टर्फ़ बैटिंग फ्रेंडली रहा है ऐसे में यहां टॉस की अहमियत को नहीं नकारा जा सकता है और फ़िर अपने जाने-पहचाने विकेट्स पर, वो भी अपने ही दर्शकों के समर्थन के सामने ,सबकुछ तो बिहार टीम के हक़ में ही तो है यहां तक कि वो नामी-गिरामी नाम जिसके बल्ले के चौकों-छक्कों की बारिशों को देखने के लिए दुनिया तरसती है वो नहीं हैं यूपी की टीम में। बस खिलाड़ियों को मैच में अपना सौ फ़ीसदी देने की ज़रूरत है। हां, उन्हें इसका ख़्याल भी रखना होगा कि ‘ ऐसा मौक़ा फ़िर कहां मिलेगा ? ‘
टीमें इस प्रकार हैं जिनसे बनेगा प्लेइंग इलेवन
बिहार : वीर प्रताप सिंह (कप्तान), सकीबुल गनी (उप कप्तान), बिपिन कुमार सौरभ, मंगल महरौर, शरमन निग्रोध, बाबुल कुमार, आयुष लोहरूका, राघवेंद्र प्रताप सिंह, मयंक चौधरी, ऋषव राज, हिमांशु सिंह, सचिन कुमार सिंह, नवाज़ खान, प्रशांत कुमार सिंह, हर्ष विक्रम सिंह, जितिन कुमार यादव, यशपाल यादव, गुलाम रब्बानी, वैभव सूर्यवंशी, पियूष कुमार यादव, अभिषेक कुमार सिंह और बंशीधर शामिल हैं।
सपोर्ट स्टाफ के रूप में : अशोक कुमार (हेड कोच), विष्णुशंकर (कोच), गोपाल कुमार (कंडीशनिंग कोच), कुंदन कुमार (फ़िज़ियोथेरेपिस्ट) है।
उतर प्रदेश की टीम : आर्यन जुयाल (कप्तान), करन शर्मा, माधव कौशिक, प्रियं गर्ग, अभिषेक गोस्वामी, शिवम मावी, सौरभ कुमार, शिवम शर्मा, विजय कुमार, कृतज्ञ कुमार सिंह, ऋतुराज शर्मा, आदित्य शर्मा, अटल बिहारी राय, वैभव चौधरी, कार्तिकेय जयसवाल, कार्तिक त्यागी और ज़ीशान अंसारी खिलाड़ी के रूप में शामिल हैं।
सपोर्ट स्टाफ : ज्ञानेंद्र पांडेय (डायरेक्टर), सुनील जोशी (हेड कोच), जी. के. अनिल कुमार (बैटिंग कोच), इम्तियाज़ अहमद (बॉलिंग कोच), मोहमद सैफ़ (फील्डिंग कोच), राहुल अहलूवालिया (फिजियो), VBB सुब्बाराव (वीडिओ एनालिस्ट), अर्जुन अनिल (ट्रेनर) और विनय कुमार (मैनेजर) के रूप में शामिल हैं।