नई दिल्ली। दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया।
गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ महानतम क्रिकेटरों की जमात में खुद को शामिल करने वाले धौनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया।
धौनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद । शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये।
इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिये चेन्नई सुपर किंग्स टीम से जुड़ने चेन्नई पहुंचे थे। धौनी ने भारत के लिये आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल खेला था । विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धौनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रनआउट हो गए थे ।
‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है । भारत के लिये उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी-20 मैच खेले । कैरियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रही।
उन्होंने वनडे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाये । टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाये और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई। आंकड़ों से हालांकि धौनी के कैरियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता। धौनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था ।
वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे। इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये। दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धौनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए। आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला’ कहलाये।
Indian cricketer Mahendra Singh Dhoni announces retirement from international cricket. pic.twitter.com/3UwE6ZXfK6
— ANI (@ANI) August 15, 2020