इंदौर। क्रिकेट मैचों में गेंदबाज स्विंग हासिल कर विपक्षी बल्लेबाज को मुश्किल में डालने के लिए लार लगाकर गेंद को चमकाते रहे हैं। कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने विस्तृत स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल जारी किया है जिसमें इस सत्र में गेंद पर लार लगाने की मनाही भी शामिल है।
मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 30 पन्नों का यह प्रोटोकॉल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 चैंपियनशिप के 10 जनवरी से शुरू होने वाले आयोजन से पहले राज्य क्रिकेट संगठनों को भेजा गया है।
गौरतलब है कि इस टी20 टूर्नामेंट के साथ ही भारत के 2020-21 घरेलू सत्र का आगाज होने जा रहा है। यह सत्र कोविड-19 के प्रकोप के कारण काफी बाद में आयोजित किया जा रहा है।
इस सत्र को लेकर बीसीसीआई के जारी प्रोटोकॉल में मोटे अक्षरों में छापा गया, “क्रिकेट की गेंदों पर लार नहीं लगायी जा सकेगी।
प्रोटोकॉल में यह ताकीद भी की गई है कि घरेलू सत्र के प्रशिक्षण सत्र या मैच के दौरान अगर क्रिकेट गेंद किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा संभाली जाती है जो जैव सुरक्षित वातावरण का हिस्सा नहीं है, तो गेंद खिलाड़ियों को दिए जाने से पहले अम्पायर या टीम स्टाफ को इसे सैनिटाइज करना होगा।
प्रोटोकॉल में मैच स्थल, होटल, प्रशिक्षण स्थल और परिवहन के दौरान जैव सुरक्षित वातावरण बनाने को कहा गया है। ये वातावरण खिलाड़ियों के साथ ही टीम के सहायक स्टाफ, मैच अधिकारियों, मैच व आयोजन स्थल के प्रबंधन समूहों, ब्रॉडकास्ट कमेंटेटरों और अन्य कर्मियों के लिए तैयार किए जाएंगे।
प्रोटोकॉल के मुताबिक मैचों के सभी प्रतिभागियों को संबंधित शहर में आने के बाद तय होटलों में छह दिन के लिए अलग रखा जाएगा और उन्हें आगमन के पहले, तीसरे और छठे दिन आरटी-पीसीआर पद्धति से कोविड-19 की जांच करानी होगी। जांच में संक्रमण से मुक्त पाए जाने पर ही उन्हें जैव सुरक्षित वातावरण में प्रवेश दिया जाएगा।
प्रोटोकॉल में कहा गया है कि खिलाड़ी और टीम का सहायक स्टाफ “अपरिहार्य हालात में ही” जैव सुरक्षित वातावरण से बाहर जा सकेंगे। उन्हें इस वातावरण से बाहर जाने से पहले अपनी टीम के डॉक्टर की अनुमति लेनी होगी।
प्रोटोकॉल में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 से बचाव के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर खिलाड़ियों और टीम के सहायक स्टाफ के खिलाफ बीसीसीआई अनुशासनात्मक कदम उठाएगा।