पटना, 13 नवंबर। जनता दल यूनाइटेड बिहार प्रदेश कला संस्कृति एवं खेलकूद प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह बीसीए मीडिया कमेटी के चेयरमैन कृष्णा पटेल ने बयान जारी कर कहा कि बीसीए में फैली व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला सदन में उठते ही इस भ्रष्टाचार में शामिल भ्रष्टाचारियों एवं बाहरी खिलाड़ियों को बचाव के लिए दयापात्र से बीसीए में निजी प्रवक्ता बने हुए जुमलेबाज गिरोह सक्रिय हो गए हैं और अनर्गल राग-विलाप कर बिहार के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपमानित कर रहे हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कृष्णा पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अपनी खेल प्रतिभा से जिस खिलाड़ी ने बीसीसीआई में कृतिमान स्थापित कर बिहार का नाम रोशन किया हो वैसे बिहारी खिलाड़ियों पर अनर्गल टीका-टिप्पणी कर उनके आत्मविश्वास पर ठेंस पहुंचाना बंद करें नहीं तो एक-एक बिंदु पर करारा जवाब मिलेगा और पूरे साक्ष्य के साथ इस गिरोह में शामिल लोगों का वास्तविक चरित्र को सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
बिहारी खिलाड़ियों का वास्तविक हक और अधिकार दिलाना हमलोगों का मूल उद्देश्य है। इसलिए हमलोग नीति और सिद्धांत के साथ- साथ संविधान और साक्ष्य की बात करने में विश्वास रखते हैं। झूठ व फरेब कहानी सुनाने और फर्जी दस्तावेज बनाकर लोगों को दिग्भ्रमित कर जुमलेबाजी करने में नहीं।
फरेब और झूठ की रफ्तार भले हीं काफी तेज होती है और एक झूठ को सत्य साबित करने में हजारों झूठ बोलना भी पड़ता है। लेकिन जीत तो हमेशा सत्य की हीं होती है।

मैं पूछना चाहता हूं बिहारी खिलाड़ियों पर सवाल उठाने वाले लोगों को यह देखना चाहिए कि जो बाहरी खिलाड़ी बिहार से खेल रहे हैं वह किसके दया पात्र से यहां आये हैं।
ये सब कौन है अथवा बीसीसीआई के पदाधिकारी ने भी किसी अन्य खिलाड़ी को बिहार से खेलाने के लिए आप पर दबाव बना रहे थे और नहीं खेलाने पर वंशज शर्मा को बैन कर दिया ? एक और ताजा मामला कल का है सौरभ सोनी नाम का खिलाड़ी जो अंडर- 19 शिवहर से खेला और अंडर -23 में इस खिलाड़ी का चयन लखीसराय से हो गया एक ही सीजन में दो-दो जिला से ये भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है। अनगिनत ऐसे खिलाड़ियों कि सूची है जो समय आने पर पूछा जाएगा इसका जवाब है तो प्रमाण के साथ बताएं ।

इसलिए प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती। काबिल प्रवक्ता ने जिस खिलाड़ी का नाम लेकर बदनाम करने की नापाक कोशिश किए हैं वो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उस खिलाड़ी के बारे में बताने की जरुरत नहीं है। काबिल प्रवक्ता अगर गूगल सर्च करेंगे तो सब पता चलेगा कि क्या परफॉरमेंस रहा है और बीसीसीआई ने उसे क्यों सम्मानित किया था।

भ्रष्टाचार के इस मामले को जबसे सदन में उठाया गया है इनकी बौखलाहट बढ़ गई है और अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं इसलिए तथ्यहीन बातों से लोगों दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं जो इनका सबसे मजबूत पक्ष में से एक है और आज तक लोगों को चकमा देने में सफल भी रहे हैं। परन्तु अब बारी है पवित्र संविधान और कानून बनाने वाली जनमानस का मंदिर सदन की जिसे दिग्भ्रमित और चकमा देना आसान नहीं होगा। इसलिए घबराहट में अनाप-शनाप बोलने लगे हैं।
