बेंगलुरु। भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर निक्की प्रधान का लक्ष्य है कि वह सिर्फ ओलंपियन न कहलाएं बल्कि ओलंपिक पदक विजेता कहलाएं।
झारखंड के हेसल के छोटे गांव से ओलंपिक टीम का हिस्सा होने तक निक्की ने लम्बा सफर तय किया है। निक्की उस टीम का हिस्सा थीं जिसने 2016 के रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था।
निक्की ने कहा कि उनका सफर मुश्किल रहा था क्योंकि जहां से वह आयीं वहां संसाधन बहुत कम थे। उन्होंने कहा, “कई बार मेरे लिए इस बात की कल्पना करना ही बहुत मुश्किल था कि मैं प्रोफेशनल हॉकी खिलाड़ी बन पाउंगी। लेकिन कड़ी मेहनत और मेरे आसपास के लोगों के समर्थन से मैं यहां तक पहुंच गयी। मैंने राज्य का प्रतिनिधित्व किया जिससे मेरे राष्ट्रीय टीम में पहुंचने का रास्ता साफ़ हुआ।
भारत के लिए 110 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुकी निक्की ने कहा, मैंने हमेशा ओलंपिक पदक का सपना देखा है और मैं जानती हूं कि बाकी खिलाड़ी भी पदक विजेता बनाना चाहती हैं। हम केवल ओलंपियन नहीं कहलाना चाहती बल्कि हम ओलंपिक पदक जीतना चाहती हैं। अगले साल जब हम टोक्यो में कदम रखेंगी तो हमारा लक्ष्य देश को गौरव प्रदान करना होगा।
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