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Friday, November 22, 2024

BCL के संयोजक समेत पूर्व पदाधिकारियों ने BCA अध्यक्ष पर साधा निशाना, लगाई आरोपों की झड़ी

पटना। बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) के गवर्निंग काउंसिल के संयोजक ओम प्रकाश तिवारी ने अपने ही पैरेंट बॉडी बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी पर जमकर हमला बोला है। राजधानी के युवा आवास में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ओम प्रकाश तिवारी ने कहा कि राकेश कुमार तिवारी द्वारा किये जा रहे सारे कार्य गैर कानूनी हैं और संघ में भ्रष्टाचार चरम पर है। इस संवाददाता सम्मेलन में बिहार क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा, बिहार क्रिकेट संघ के पूर्व संयोजक सुवीर चंद्र मिश्रा एवं धर्मवीर पटवर्धन भी मौजूद थे।

बिहार क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा ने कहा कि बीसीए का जो निबंधन लंबी न्यायिक लड़ाई और कानूनी पेंच के बाद हमारी कमेटी ने कराया था आज उस रजिस्ट्रेशन पर खतरा मंडरा रहा है तथा बिहार के खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। बिहार क्रिकेट संघ अभी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि 666 रन बनाने वाला खिलाड़ी घर में बैठा है और 20 और 25 रन बनाने वाले खिलाड़ी बिहार टीम में शामिल है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा प्रतिभाओं को दबाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा संविधान में संशोधन करा कर येन केन प्रकारेण उसे लागू कराने का प्रयास किया जा रहा है उसमें सफलता हाथ नहीं लगेगी। उन्होंने जिला संघों से अपील की अब भी समय है जागिए। आपका अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को सुचारू और संवैधानिक तरीके से चलाने के लिए हम सभी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह से मिल कर राकेश कुमार तिवारी के सारे कार्यों के बारे में बताऊंगा। उनसे आग्रह करूंगा कि बीसीसीआई के एंटी करप्शन, सीबीआई, ईडी से जिससे इच्छा हो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के क्रियाकलापों की जांच कराई जाए।

उन्होंने कहा कि मेरे भी राजनैतिक मत भेद रहे हैं लेकिन वर्तमान समय में तो सारी हदें पार कर ली गई हैं। राजनैतिक विरोध करने वाले रविशंकर प्रसाद सिंह, संजय कुमार मंटू, विनीत भार्गव पर दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। यह गतिविधि नीच मानसिकता को दर्शाता है।

गवर्निंग काउंसिल के संयोजक ओम प्रकाश तिवारी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जबसे मैंने राकेश कुमार तिवारी के कथनानुसार या यों कहें उनके गैरसंवैधानिक कार्यों में सहयोग देना मैं बंद किया मुझे जानमाल, व्यवसाय को क्षति तथा इमेज को डैमेज करने का धमकी मिल रही है। 11 अक्टूबर को इसका झलक मुझे दिखला दी गई। एक प्रायोजित कार्यक्रम के तहत पुलिस से डराने हेतु सुनियोजित साजिश की और मीडिया बंधुओं को भ्रम में रखकर खबर छपवा कर अपने शीर्ष राजनैतिक पहुंच और दिल्ली पुलिस में अपने प्रभाव को प्रदर्शित किया। राकेश कुमार तिवारी के बयान पर मीडिया में छपी खबरें झूठी मनगढ़ंत और एकतरफा थी जिसका मुख्य उद्देश्य हमारी छवि को धूमिल करना था।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां दिल्ली पुलिस की रेड या छापामारी पड़ी ही नहीं थी। राकेश कुमार तिवारी ‌(अध्यक्ष, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) पर दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में यौन उत्पीड़न का एक एफ आई आर दर्ज है जिसमें पुलिस प्रायोजित क्लोजर लगाई है और पीड़िता उसके विरूद्ध सक्षम न्यायालय गई है और जिसकी सुनवाई चल रही है अगली तारीख 11 नवंबर 2022 को पड़ी है। उसी थाना में एक और केस दर्ज है जिसमें अभियुक्त के रूप में बिहार क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह, पूर्व सचिव संजय कुमार मंटू एवं एक पूर्व क्रिकेटर विनीत भार्गव तथा उत्पीड़न मामले की पीड़िता के भाई आशुतोष बोरा को अभियुक्त बनाया गया है। इस केस में ना तो मैं अभियुक्त में और ना ही गवाह में मेरे नाम की चर्चा है फिर भी अपने राजनैतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए एक आईपीएस पुलिस अधिकारी के पुत्र को टीम में स्थान देकर मेरे यहां नोटिस देने आई दिल्ली पुलिस की और को अखबारों के सामने इस तरह से प्रस्तुत किया कि अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी यौन उत्पीड़न के केस से बरी हो गए हैं ताकि 18 अक्टूबर को बीसीसीआई के एजीएम में अपना चेहरा दिखा सके क्योंकि यो उत्पीड़न के मामले के बाद उन्हें प्रतिष्ठित गेम क्रिकेट से जुड़े प्रशासकों के बीच जाने में शायद ग्लानि महसूस हो रही थी।

उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर की घटना के बाद मैंने बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और दिल्ली पुलिस के खिलाफ एसएसपी पटना के माध्यम से कदम कुआं थाना में शिकायत दर्ज करा दिया है तथा माननीय सीजीएम के अदालत में भी अपना केस दर्ज करा दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को किसी भी सक्षम एजेंसी से जांच करा ली जाए जो गलत हो उसे सजा मिले।

बिहार क्रिकेट संघ के पूर्व जीएम (ऑपरेशन) सुबीर चंद्र मिश्रा ने कहा कि राकेश कुमार तिवारी द्वारा एक अनेकों गैरसंवैधानिक कार्य किये गए हैं। मैं संगठन के अंदर रहते कई बार इसका विरोध किया। मेरी बातें नहीं सुनी गई, मैंने पद छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि क्या आपसे कभी ऐसा सुना है कि वार्ड से लेकर लोकसभा के चुनाव तक उस क्षेत्र का वह वोटर नहीं है और चुनाव में खड़ा कर विजयी हो गया हो। ऐसा नहीं होता है। बीसीए का पैरेंट बॉडी बीसीसीआई है वहां के चुनाव में भी वोटरलिस्ट में जिनका नाम था वहीं पदाधिकारी बने पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के हाल में ही संपन्न तीन पदाधिकारी बिना वोटरलिस्ट में नाम रहे पदाधिकारी बन गए। सुबीर चंद्र मिश्र ने चुनाव पदाधिकारी को भी कटघरे में खड़ा किया। सुबीर चंद्र मिश्र ने कहा कि बिहार क्रिकेट में स्थिति यह है कि लोकपाल के आदेश को ताक पर रख दिया जाता है। जो एक व्यक्ति की इच्छा होती है वहीं होता है। दर्जनों मामले कोर्ट में लंबित हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट से हमें न्याय जरूर मिलेगा।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीसीए के प्रबंधक लॉजिस्टिक धर्मवीर पटवर्धन ने कहा कि राकेश कुमार तिवारी के हाथों में बिहार का क्रिकेट, क्रिकेट का खिलाड़ी और क्रिकेट प्रशासकों का कैरियर तलवार की नोक पर है। चरण वंदना नहीं करने वाले की कैरियर को कुचल देने की पूरी तैयारी कर रखा हैं। उनके अनुसार हर जिला संघ एक पात्र है ये माननीय अध्यक्ष महोदय तय करेंगे कि किस वर्तन का इस्तेमाल पूजा में करेंगे और किस वर्तन का श्राद्ध में। कब किस वर्तन को धोना है और किसको बिना धोए फेंक देना है। उनके अनुसार पूर्व का क्रिकेट संचालक सही से हिसाब नही दिए इसलिए कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला। नए एक्टिविटी इंचार्ज ईमानदारी से सारा हिसाब इनके पास देंगे उसी से हमें वेतन मिलेगा।

 

 

 

 

 

 

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