बर्लिन, 27 जून। भारतीय महिला हॉकी टीम शनिवार को चीन के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग के मुकाबले में जीत के साथ टूर्नामेंट से बाहर होने के खतरे को टालने की कोशिश करेगी। टीम इस समय लगातार छह हार के दौर से गुजर रही है और अंक तालिका में सबसे निचले स्थान पर बनी हुई है।
क्या है स्थिति?
14 मुकाबलों में सिर्फ 10 अंक हासिल कर पाई भारतीय टीम नौ टीमों की तालिका में अंतिम स्थान पर है। इस प्रदर्शन के चलते टीम पर एफआईएच नेशंस कप 2026 (दूसरी श्रेणी) में खिसकने का खतरा मंडरा रहा है। गौरतलब है कि मुख्य कोच हरेंद्र सिंह की दोबारा नियुक्ति के बाद टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन यूरोपियन चरण में प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
यूरोपीय चरण में लगातार झटके
घरेलू चरण में संतोषजनक शुरुआत के बावजूद भारत को ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और बेल्जियम के खिलाफ खेले गए छह मैचों में लगातार हार का सामना करना पड़ा।
अब टीम के पास सिर्फ दो मुकाबले (शनिवार और रविवार) बचे हैं, जो वह चीन के खिलाफ खेलेगी। अगर भारत इन दोनों मैचों में जीत दर्ज करता है, तो न सिर्फ वह अपनी स्थिति सुधार सकता है, बल्कि प्रो लीग में बने रहने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
कहां हुई चूक?
टीम ने आक्रामक हॉकी जरूर खेली, लेकिन अवसरों को भुनाने में नाकाम रही।
पेनल्टी कॉर्नर के मौके गंवाए गए, जिससे दबाव दीपिका पर अधिक रहा और उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
मिडफील्ड ने अपेक्षाकृत अच्छा खेल दिखाया – सलीमा टेटे, लालरेमसियामी, शर्मिला देवी, सुनलिता टोप्पो, वैष्णवी विट्ठल फाल्के और नेहा ने कई मौके बनाए।
लेकिन फॉरवर्ड लाइन – जिसमें नवनीत कौर, बलजीत कौर, दीपिका शामिल हैं – गोल करने में असफल रहीं।
डिफेंस में भी कई चूकें हुईं, सुशीला चानू, इशिका चौधरी, सुमन देवी और ज्योति छेत्री जैसे डिफेंडर्स से गलतियां हुईं, जिनका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।
क्या है आगे की राह?
टीम प्रबंधन और खिलाड़ी इस बात को लेकर पूरी तरह सजग हैं कि चीन के खिलाफ दोनों मैच जीतना अनिवार्य है। यह प्रदर्शन न केवल अंकतालिका सुधार सकता है, बल्कि एफआईएच प्रो लीग में जगह बनाए रखने के लिए भी अहम रहेगा।
टीम इंडिया को अपनी गलतियों से सबक लेते हुए, पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना और डिफेंस को मजबूत करना होगा।
भारत बनाम चीन शेड्यूल:
28 जून, शनिवार
29 जून, रविवार