पटना। बिहार क्रिकेट जगत में अपना घरेलू क्रिकेट को लेकर संघ के प्रति विरोध स्वर उठने लगे है। यह विरोधी स्वर कोई दूसरा नहीं उठा रहा है। यह आवाज संघ के जिला यूनिट के पदाधिकारियों द्वारा उठाई गई है।
व्हाटशअप के इंटरनल ग्रुप में कई जिला संघों के पदाधिकारियों ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप घरेलू क्रिकेट कराने से इसीलिए भागते हैं कि चयन प्रक्रिया में आपकी मनमानी चल सके। बिना बिहार का घरेलू क्रिकेट में खेला खिलाड़ी सीधे पैराशूट में कैंप में उतरे और सीधा बिहार टीम का मेंबर बन जाए।
जिला संघों से उतरे खिलाड़ियों की वजह से बिहार के टैलेंट प्लेयरों का पूरा नुकसान हो रहा है। घरेलू क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अपने बल्ले को टांगने पर मजबूर हो गए हैं।
जिला संघ के पदाधिकारियों ने तंज कसते हुए कहा कि आप कहेंगे पैसा नहीं है। अगर घरेलू क्रिकेट कराने के लिए आपका खजाना खाली है तो हम तैयार हैं पर शर्त यही है कि चयन प्रक्रिया साफ-सुथरी हो। ऐसा नहीं हो कि हम आयोजन भी कराएं और जब चयन की बारी तो पैराशूट वाले जगह पा लें यह बंद हो वरना आंदोलन हो जायेगा।
जिला संघ के पदाधिकारियों ने चयनकर्ताओं पर सभी सवाल उठाए हैं। कहा कि कोई ग्राउंड में मौजूद ही नहीं रहता है तो चयन कैसे सही तरीके से होगा। तीनों चयनकर्ता कभी साथ नहीं बैठे। जिला संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि लगता है खिलाड़ियों का चयन सेलेक्टर नहीं करते बल्कि एसी रूम में बैठकर हुजूर लोग करते हैं। यह बंद होना चाहिए।
जिला संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर इसमें जल्द सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन पर हम उतारू हो जायेंगे। हमें इस बात का डर नहीं है कि हमारे जिला संघ में एडहॉक कमेटी बन जायेगी। इस डर से हम सभी ऊपर उठ चुके हैं।