पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने अपना घरेलू टूर्नामेंट बीसीए सीनियर अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू कर दिया है। टूर्नामेंट का उद्घाटन 18 फरवरी को पटना में हुआ। इस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए राज्य के विभिन्न जिला संघों ने अपनी-अपनी टीमों की घोषणा कर दी है।
नालंदा जिला की टीम की घोषणा भी गई गई है। नालंदा की टीम आज नवादा के खिलाफ अपना मैच पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में खेल रही है पर टीम लिस्ट से नालंदा के दो स्टार क्रिकेटर अर्णव किशोर और आदित्य राज का नाम गायब है। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में भी यह चर्चा का विषय रहा कि नालंदा की टीम में ये दो क्रिकेटर आखिर क्यों नहीं है।
इसे लेकर लोग आपस में तरह-तरह चर्चा करते दिखे। कोई कह रहा था कि लगता है ये दोनों प्लेयर क्या इंजुरी में हैं। कोई कह रहा था कि क्या इन दोनों का सेलेक्शन ही नहीं किया गया पर ऐसा हो नहीं सकता है क्योंकि ये दोनों इससे पहले नालंदा जिला की न केवल जूनियर बल्कि सीनियर टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। इन दोनों ने कई मौकों पर न केवल नालंदा बल्कि बिहार टीम को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
कुछ लोग यह भी कहते देखे गए कि कहीं ये दोनों प्लेयर नालंदा जिला और बीसीए में चल रही राजनीति के शिकार तो नहीं हो गए। कहीं इन दोनों पर यह दवाब तो नहीं डाला गया कि नालंदा जिला की तदर्थ समिति द्वारा जो सेलेक्शन ट्रायल हो रहा है उसमें हिस्सा नहीं लेना है।
लोग यह भी कह रहे हैं कि शायद ये दोनों नालंदा जिला क्रिकेट संघ के निर्वाचित संघ के पदाधिकारियों के प्रति अपनी वफादारी दिखाई होगी और तदर्थ समिति द्वारा आयोजित सेलेक्शन ट्रायल में हिस्सा ही नहीं लिया होगा। बातें कई तरह की हो रही है पर इन दोनों के बाहर रहने की असली वजह क्या है यह कोई बताने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि अर्णव किशोर और आदित्य राज बिहार जूनियर टीम के कप्तान तक रह चुके हैं। इन दोनों ने बिहार की ओर से खेलते हुए कई मौकों पर टीम के लिए बेहतर किया है। आदित्य राज तो इस वर्ष बिहार अंडर-19 टीम के सदस्य थे और वनडे से लेकर डेज मैचों में उनका परफॉरमेंस काफी बेहतर रहा है।
सवाल यह उठता है कि अगर बीसीसीआई राकेश कुमार तिवारी के नेतृत्व वाली बीसीए को मानते रह गई और नालंदा जिला में तदर्थ समिति ही मान्य हुआ और जिस तरह बीसीए ने घोषणा कर रखी है कि जो अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेगा उसे ही सीनियर और अंडर-25 बिहार टीम का प्रतिनिधित्व करने के योग्य समझा जायेगा।
ऐसे में इन दोनों प्लेयरों का अब क्या होगा। यही हालात रहेंगे या नहीं इस पर खेलढाबा कोई टिप्पणी नहीं करता। हालात बदल भी जाए लेकिन ये दोनों प्लेयर फिलहाल मैच खेलने से तो वंचित रह गए। सवाल यह भी उठता है कि न खेलने का निर्णय खिलाड़ी का खुद का है या वे क्रिकेट राजनीति के शिकार हो गए। ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों के जीवन की बर्बादी का दोषी आखिर जिला क्रिकेट संघ या राज्य क्रिकेट संघ या खुद खिलाड़ी माने जायेंगे।


