चेन्नई। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के सचिव के रूप में भरत सिंह चौहान के चुनाव पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी।
भरत सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ चुके डोंगरे ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, हाईकोर्ट ने चौहान के खिलाफ आदेश दिया है। वह एआईसीएफ सचिव के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं। उनके चुनाव ने राष्ट्रीय खेल विकास संहिता का उल्लंघन किया है।

आईएएनएस से संपर्क करने पर चौहान ने कहा, मुझे हटाया नहीं गया है। मेरे चुनाव पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई है। मैं मामले को अंतिम रूप दिए जाने तक सचिव के तौर पर काम नहीं कर सकता। आदेश के खिलाफ अपील करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जब तक मुझे आदेश नहीं मिल जाता, तब तक कुछ नहीं कह सकते। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब एआईसीएफ भारत में पहली बार शतरंज ओलंपियाड का आयोजन कर रहा है। इसके अलावा, चौहान ओलंपियाड टूर्नामेंट निदेशक हैं।
एआईसीएफ के एक पूर्व अधिकारी के मुताबिक टूर्नामेंट निदेशक को शतरंज महासंघ का पदाधिकारी होना जरूरी नहीं है। एआईसीएफ पदाधिकारी पदों के लिए पिछले साल चुनाव हुए थे।

डोंगरे के अनुसार, राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के अनुसार कोई भी व्यक्ति अध्यक्ष/सचिव/कोषाध्यक्ष के पद पर लगातार दो बार से अधिक नहीं टिक सकता। इसके अलावा, पुन: चुनाव के लिए, एक पदाधिकारी को केवल तभी निर्वाचित माना जाएगा, जब वह संबंधित राष्ट्रीय संघ के सदस्यों के कम से कम 2/3 बहुमत हासिल करता है। डोंगरे ने दलील दी कि चौहान पिछले करीब 17 साल से एआईसीएफ चला रहे हैं।
2020-2023 के लिए एआईसीएफ सचिव के रूप में फिर से चुनाव लड़ते हुए चौहान को 35 वोट मिले, जो कुल मतों का 2/3 नहीं है। वहीं, डोंगरे को 29 वोट मिले।
डोंगरे ने कहा कि इसके अलावा, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। डोंगरे ने युवा मामले और खेल मंत्रालय, खेल विभाग, एआईसीएफ और चौहान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।उनके मुताबिक, केंद्र सरकार ने चौहान के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें बचाने की कोशिश की।