पटना। जिस खिलाड़ी को अर्जुन अवार्ड मिल रहा है उसे बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने नियम की दुहाई देकर सम्मान देने से इंकार कर दिया है। इस खिलाड़ी का नाम है प्रमोद भगत।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आगामी 29 अगस्त को होने वाले खेल सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले प्लेयरों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में प्रमोद भगत को नहीं सम्मानित का कारण बताते हुए प्राधिकरण ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय श्रेणी के पैरालम्पिक वर्ग के प्रमोद भगत, अन्तर्राष्ट्रीय पैरा बैडमिन्टन खिलाड़ी द्वारा जर्काता इंडोनेशिया में आयोजित एशियन पैरा बैडमिंटन गेम्स, 2018 में पदक प्राप्त का आवेदन समर्पित किया गया है। चयन समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया कि चूंकि प्रमोद भगत राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ओड़िशा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए ऐशियन पैरा बैडमिन्टन गेम्स, 2018 प्रतियोगिता में मेडल प्राप्त किये है, ऐसी परिस्थति में विभागीय मार्गदर्शिका के आलोक में चयन समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चूँकि इनकी उपलब्धि बिहार राज्य के तरफ से प्रतिनिधित्व करने के उपरान्त नहीं हुई है ऐसी परिस्थति में इनके आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया। प्राधिकरण ने यहां तो नियम की दुहाई देकर अपना पिंड छुड़ा रहा है।
प्राधिकरण कब अपने नियम को तोड़ता है और कब नियम से बंध जाता है पता नहीं। इसके पहले कई ऐसे बिहारी खिलाड़ियों को सम्मानित किया है जिन्होंने बिहार को नहीं बल्कि दूसरे राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय पदक जीता है। सवाल यह उठता है कि जब कोई खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीत रहा है तो राज्य का बंधन कहां। हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे राज्य के खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता।
गनीमत तो है कि जिस खिलाड़ी को अर्जुन अवार्ड मिल रहा है उस खिलाड़ी को अपने राज्य में सम्मानित होने के लिए आवेदन देना पड़ा और उसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
हाजीपुर के रहनेवाले पैरा शटलर (बैडमिंटन खिलाड़ी) प्रमोद भगत बिहार के पहले दिव्यांग खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस अवार्ड से नवाजा जायेगा।
प्रमोद भगत ने जकार्ता में हुए पारा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा फाजा बैडमिंटन वल्र्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।