पटना। बिहार क्रिकेट का चुनावी पारा काफी गरम है। राजधानी के मौर्या होटल में बिहार क्रिकेट के बड़े-बड़े कताधर्ता का जमावड़ा लगा हुआ है। जिला से लेकर राज्य संघों के बड़े-बड़े पदाधिकारी दिन-दिन भर वहां जमे हुए नजर आ रहे हैं पर एक शख्स है जो इन सबों से दूर है। सबकी निगाहें उस शख्स को खोज रही है। सब कोई यह चर्चा कर रहे हैं कि वह दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। इस शख्स का नाम है अरुण कुमार सिंह।
अरुण कुमार सिंह बिहार क्रिकेट का बड़ा नाम है। पिछले कुछ सालों वह शख्स बिहार क्रिकेट से बहुत दूर चला गया ऐसा लोग कह रहे हैं पर चुनाव के मौसम में उनके लौटने की उम्मीद थी। चुनाव के पहले लोग यही कह रहे थे कि अरुण कुमार सिंह इस बार चुनाव लड़ेंगे और हो सकता है विजयी भी हासिल कर लेंगे। बीसीसीआई के बदलते नियम उनकी राह में रोड़ा बन गया। रोड़ा केवल उनकी राह में नहीं बना बल्कि कईयों की राह पर बना पर सब दिखाई पड़ रहे हैं पर अरुण कुमार सिंह।
बिहार क्रिकेट में अरुण कुमार सिंह को अजय नारायण शर्मा का दाहिना हाथ समझा जाता है। अबतक हर समय वे अजय नारायण शर्मा के साथ रहे चाहे पटना जिला क्रिकेट संघ का झगड़ा हो या और कुछ भी। लोगों का कहना है कि ठीक है वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं पर अजय नारायण शर्मा के गुट के साथ उन्हें दिखाई पड़ना चाहिए था। लोगों का कहना है कि क्या अजय नारायण से कोई मनमुटाव हो गया है क्या।
अगर मनमुटाव नहीं तो आखिर क्या बात है जो वे दूर-दूर हैं। कहीं वे पर्दे के पीछे से अजय नारायण शर्मा के लिए बैटिंग तो नहीं कर रहे हैं क्योंकि अपने जमाने के शानदार बैट्समैन रहे हैं और क्रिकेट राजनीति के भी वे माहिर खिलाड़ी हैं। यहां के जिला पर उनकी पकड़ अच्छी मानी जाती है और जिला के लोग उनसे संपर्क जरूर कर रहे होंगे।। लोगों का कहना है कि इस चुनाव में साइलेंट रह कर भी अरुण कुमार सिंह बड़ा खेल कर सकते हैं। लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि कहीं उन्होंने भी पाला तो नहीं बदल लिया है पर ऐसा करने वाले वो दिखते नहीं हैं।
लोगों को इस जिज्ञासा को दूर करने के लिए खेलढाबा.कॉम ने अरुण कुमार सिंह से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से कोसों दूर है। मैं चुनाव लड़ नहीं सकता हूं। चुपचाप घर में बैठा हुआ हूं। वे किस खेमे में हूं या नहीं यह तो आनेवाला समय बितायेगा।