नईदिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के घरेलू क्रिकेट के लिए नवगठित कार्यसमूह के सदस्य सौराष्ट्र के जयदेव शाह को लगता है कि सिर्फ रणजी खिलाड़ियों को ही नहीं बल्कि सभी आयु वर्ग के क्रिकेटरों को पिछले सत्र में मैच नहीं होने का मुआवजा मिलना चाहिए।
सौराष्ट्र के पूर्व कप्तान जयदेव ने कहा कि क्रिकेटरों को किस तरह मुआवजा दिया जायेगा और इसकी राशि कितनी होगी, इस पर फैसला बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष सौरभ गांगुली के साथ विचार विमर्श करने के बाद ही कार्यसमूह द्वारा किया जायेगा।
जयदेव ने बताया कि कार्यसमूह अभी गठित किया गया है और हम जय भाई (बीसीसीआई सचिव) के मार्गदर्शन में काम करेंगे। अभी तक कोई समय सीमा तय नहीं की गयी है लेकिन मुझे लगता है कि मुआवजे की राशि भले ही कितनी भी हो, लेकिन इसे सभी आयु वर्ग के क्रिकेटरों को दिया जाना चाहिए।
पैनल के अन्य सदस्य पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन, कर्नाटक के संतोष मेनन, असम के देवाजीत साइकिया, बंगाल क्रिकेट संघ अध्यक्ष अभिषेक डालमिया, उत्तर प्रदेश के युद्धवीर सिंह और दिल्ली के रोहन जेटली हैं।
युद्धवीर ने कहा, मुआवजा पैकेज हमारे कार्यों में से केवल एक काम है। हम बोर्ड को अपनी राय भी देंगे कि सत्र का आयोजन किस तरह किया जाये। उन्होंने कहा कि जहां तक मुआवजे की बात है तो हमें निश्चित रूप से अंडर-19 और अंडर-23 क्रिकेटरों को भी देखना चाहिए। कोविड-19 ने उनसे एक अहम वर्ष छीन लिया।
युद्धवीर ने कहा कि सभी सदस्य जल्द ही मिलेंगे और आगे के तरीकों पर चर्चा करेंगे और बीसीसीआई अंतिम फैसला करेगा। ’’
घरेलू क्रिकेटर प्रत्येक सत्र में 15 से 16 लाख रूपये की कमाई करते हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण पिछला रणजी सत्र रद्द करना पड़ा था जो इस टूर्नामेंट के 87 वर्ष के इतिहास में पहली बार हुआ था। सीनियर स्तर पर केवल टी20 और 50 ओवर की प्रतियोगितायें ही आयोजित की जा सकी थीं।
जयदेव ने यह भी सूचित किया कि अनुभवी बल्लेबाज शेल्डन जैकसन पुडुचेरी के साथ एक सत्र के बाद सौराष्ट्र में वापसी करने वाले हैं।
इस बार 2021-2022 घरेलू सत्र सितंबर-अक्टूबर में महिला एक दिवसीय प्रतियोगिता के साथ शुरू हो रहा है जबकि पुरूष खिलाड़ियों का अभियान अक्टूबर-नवंबर में सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के साथ शुरू होगा। रणजी ट्राफी टूर्नामेंट 16 नवंबर से 19 फरवरी तक खेला जाएगा।