पटना, 30 सितंबर। सोमवार को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) सचिव अमित कुमार गुट की वार्षिक आमसभा राजधानी पटना के कदम कुआं स्थित बरनवाल निवास के सभागार में नालंदा जिला क्रिकेट एसोसिएशन के हेमा कुमारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
इस वार्षिक आमसभा में बीसीए से मान्यता प्राप्त लगभग सभी जिला संघों के पदाधिकारी ने भाग लेकर माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा याचिका संख्या सी.डब्लू.जे.सी. नंबर 13405/2021 में जारी आदेश के आलोक में नवनियुक्त बीसीए माननीय लोकपाल जस्टिस (सेवानिवृत) शैलेश कुमार सिन्हा के आदेश का अनुपालन करते हुए सदन की गरिमा का मान बढ़ाया।
आम सभा में सदन के सदस्यों के समक्ष बीसीए की वर्तमान हालात और माननीय उच्च न्यायालय एवं बीसीए लोकपाल द्वारा जारी आदेश से रूबरू कराते हुए पूर्व से निर्धारित विभिन्न एजेंडों को सदन में बिंदु वार तरिके से रखा जिस पर सदन के सदस्यों ने सभी एजेंडों को ध्वनि मत से पारित किया।
जबकि आम सभा के सम्मानित सदस्यों ने विभिन्न आयु वर्ग के चयन समिति सहित बीसीए की अन्य सब-कमेटियों का गठन कर अपनी मुहर लगाई और बीसीए सचिव को जारी करने के लिए अधिकृत किया ।
वहीं बीसीए सचिव ने भरी सदन में विभिन्न जिलों में गठित एड-हॉक कमिटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया जो इस आमसभा की सबसे अहम निर्णय रहा और जिला में फैलाई गई आपसी विवादों का निपटारा के लिए बीसीए लोकपाल जस्टिस शैलेश कुमार सिन्हा के समक्ष दोनों पक्षों को अपनी- अपनी बातों को रखने के लिए बीसीए सचिव ने सुझाव दिया और कहा कि हम सबों को बीसीए के संविधान और न्यायपालिका पर पूरी आस्था और विश्वास रखना चाहिए। उक्त जानकारी बीसीए मीडिया कमेटी के अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने सदन में लिए गए विभिन्न निर्णय और पूर्व से निर्धारित सभी एजेंडों के आधार पर दिया है।
गौरतलब है कि बिहार में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के दो गुट कार्य कर रहा है। एक गुट है अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का और दूसरा वर्ष 2023 हुए बीसीए चुनाव में सचिव के पद पर निर्वाचित अमित कुमार का। राकेश कुमार तिवारी के गुट के सचिव हैं जियाउल आफरीन। वर्तमान हालात में बिहार में क्रिकेट गतिविधियां राकेश कुमार तिवारी गुट द्वारा ही संचालित है और बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में टीम भी उन्हीं की तरफ से भेजा रहा है। आगे क्या होगा इस पर खेलढाबा.कॉम कुछ टिप्पणी नहीं कर सकता है। कौन बीसीए सही या गलत है यह उचित फोरम ही बता पायेगा।