पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के माननीय लोकपाल के द्वारा बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और उपाध्यक्ष दिलीप सिंह को लेकर अलग-अलग आदेश जारी किया है। हरिओम झा की ओर से दायर याचिका में लोकपाल महोदय ने हितों के टकराव मामले में निवर्तमान अध्यक्ष राकेश तिवारी को दोषी माना है और सचिव पद से हटाने का आदेश दिया है। उनके खिलाफ संविधान के विरुद्ध मनमाने ढंग से अध्यक्ष के साथ साथ सचिव पद पर भी कार्य करने के विरोध में लोकपाल महोदय के न्यायालय में मामला दर्ज कराया गया था।
बिहार क्रिकेट संघ के निवर्तमान उपाध्यक्ष दिलीप सिंह के लोढ़ा कमेटी के प्रस्ताव के अनुसार कार्यावधि पूर्ण होने के बाद भी पद पर बने रहने के मामले में मनोज कुमार द्वारा लोकपाल के न्यायालय में किए गए मुकदमे में फैसला सुनाते हुए लोकपाल ने बीसीए उपाध्यक्ष दिलीप सिंह के कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि क्योंकि उनका कार्यकाल लोढ़ा कमेटी के प्रस्ताव और बीसीए के संविधान के अनुरूप पूर्ण हो चुका है ऐसे में फिलहाल वे बिहार क्रिकेट संघ से जुड़े किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकते हैं।
बहरहाल लोकपाल महोदय के आदेश के बाद बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। या तो इस तमाम प्रक्रिया को फिर से कराने की जरूरत है। अन्यथा यह चुनाव आने वाले दिनों में रद्द करना या अवैध घोषित करना बीसीए की व्यवस्था बन सकती है।