Saturday, April 19, 2025
Home बिहारक्रिकेट ‘भोज के समय कोहरा रोपने’ के चक्कर में BCA कर रहा है करोड़ों रुपए की बर्बादी

‘भोज के समय कोहरा रोपने’ के चक्कर में BCA कर रहा है करोड़ों रुपए की बर्बादी

by Khel Dhaba
0 comment

पटना, 19 दिसंबर। इस खबर के ऊपर और नीचे जो तस्वीर आप देख रहे हैं वह पिछले दिनों दस दिसंबर को हुए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के स्पेशल जेनरल मीटिंग की है। कॉस्ट कटिंग करते हुए इस मीटिंग के लिए बीसीए प्रबंधन ने नया बैकड्रॉप यानी बैनर नहीं बनाया। यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले के बैठकों में ऐसा होता रहा है। अच्छी बात है कॉस्ट कटिंग हुआ।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का कास्ट कटिंग का यह एक छोटा सा उदाहरण है। बड़े उदाहरण के रूप में घरेलू क्रिकेट का नहीं कराना। राष्ट्रीय प्रतिभागिता में भाग लेने वाली टीमों का ट्रेनिंग कैंप नहीं कराना। बिहार टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को ससमय ड्रेस नहीं देना। ससमय तो छोड़ दीजिए, कईयों को आधे-अधूरे ड्रेस को देकर काम चला लेना।

मन तो यही सोच रहती है कि कौन क्या बोलेगा। सोच यह भी रहती है कि जब सब मैच हारना है तो काहे का घरेलू मैच, काहे का ट्रेनिंग कैंप। बस टीम भेजो और खानापूर्ति करो। पर टीम भेजने के समय भोज के समय कोहरा रोपने वाली कहावत को चरितार्थ करने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी से लेकर अधिकारी तक इस मामले में कॉस्ट कटिंग की आदत को ताक पर रख देते हैं और साल भर में करोड़ों रुपए फालतू का खर्च कर देते हैं। आप सोच रहेंगे कैसे तो खेलढाबा.कॉम आपको बता रहा है।

अंडर-16 मेंस बिहार टीम अपने आयोजन स्थल पर खेलने के लिए दो या तीन टुकड़ियों में पहुंचीं। अंडर-19 मेंस बिहार टीम अपने अंतिम मैच को खेलने आयोजन स्थल पर दो या तीन टुकड़ियों में पहुंचीं। अब विजय हजारे ट्रॉफी खेलने जाने वाली बिहार टीम दो या तीन टुकड़ियों में अपने आयोजन स्थल पर पहुंचेगी। इसका बस एक कारण है समय पर टीम का सेलेक्शन नहीं होना और टीम में जब चाहा फेरबदल होना। इन सबों का असर कहां पड़ता है बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की तिजोरी पर।

जो हवाई जहाज का टिकट समय रहते बुक हो तो पांच से सात हजार में बुक होगा उसके लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन उससे दोगुना, कभी-कभी तो तीन गुणा पैसा देता है। बात यही नहीं रुकती है। होटल की बुकिंग भी सही समय पर नहीं होने के कारण ज्यादा दर पर बुकिंग करनी पड़ती है। नौबत तो यहां तक आई है कि आयोजन स्थल पर एकाध दिन के लिए खिलाड़ी दो या तीन होटलों में अलग-अलग ठहरें हैं और अगले दिन जब रूम खाली हुआ तो सभी को एक-साथ किया गया।

जानकारों का कहना है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को जहां कास्ट कटिंग करनी चाहिए वहां तो ध्यान ही नहीं और जहां नहीं करनी चाहिए वहां कास्ट कटिंग कर न केवल अपनी बल्कि बिहार की फजीहत करा रहा है। वे कहते हैं कि बैठक का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ और जुगाड़ टेक्नोलॉजी वाले इस बैनर को देख लोग क्या सोचेंगे, अरे धनी क्रिकेट एसोसिएशन का यह हाल। चलिए इसको छोड़ दीजिए। पैसे बचाने के फेर में मैच नहीं कराना, ट्रेनिंग कैंप का सही तरीके से नहीं करना। इससे बिहार टीम का परफॉरमेंस पर खराब असर पर बाहर बीसीए नहीं बिहार की थू-थू होती है।

जानकारों का कहना है कि जहां थोड़ी सी सावधानी से करोड़ों रुपए बच सकते हैं वहां लापरवाही या मनमानी से करोड़ों का नुकसान होता है पर इसका असर संगठन पर नहीं पड़ता है। पड़े भी क्यों। पैसा तो बीसीसीआई के द्वारा दिया जाता है। खुद अगर इंतजाम कर सबकुछ करना पड़े तो आटे-दाल का भाव मालूम हो जायेगा। जानकार कहते हैं कि जहां खर्च करना चाहिए वहां नदारद और जहां बचाना चाहिए, तिजोरी खोल दिया। साथ ही सही समय पर आयोजन स्थल पर नहीं पहुंचने का असर खिलाड़ियों के खेल पर भी असर।

You may also like

Leave a Comment

खेलढाबा.कॉम

खेलढाबा.कॉम, खेल पत्रकार की सोच और बहुत सारे खेल प्रेमियों के सुझाव व साथ का परिणाम है। बड़े निवेश की खेल वेबसाइट्स की भीड़ में खेलढाबा.कॉम के अलग होने की यह भी एक बड़ी वजह है। तो, जिले-कस्बों से बड़े आयोजनों तक की कवरेज के लिए जुड़े रहें खेलढाबा.कॉम से।

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

Laest News

@2025 – All Right Reserved.

error: Content is protected !!
Verified by MonsterInsights