बोकारो। प्रो कबड्डी लीग कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने झारखंड के शहर बोकारो के एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल में चल रही 32वीं सबजूनियर नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप के मेजबानों की जमकर तारीफ की और कहा कि अद्भूत और शानदार हो आयोजन हो रहा है।
ये बातें अनुपम गोस्वामी ने खेलढाबा से खास बातचीत में कही। अुनपम गोस्वामी इस चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने पहुंचे हैं। इस चैंपियनशिप का आयोजन कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झारखंड की मेजबानी में बोकारो जिला कबड्डी संघ के द्वारा किया जा रहा है।
अनुपम गोस्वामी ने कहा कि इस आयोजन की व्यवस्था को दिल गद्गद् हो गया है। खेलने के लिए दुल्हन की सजा कोर्ट, साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था समेत अन्य चीजें काफी बेहतरीन है। इसके लिए कबड्डी एसोसिएशन ऑफ झाखरंड और इस आयोजनों से जुड़े लोगों की जितनी तारीफ की जाए वह कम होगी।
उन्होंने कहा कि किसी भी आयोजन को कराना काफी कठित बात होती है। उन्होंने कहा कि आयोजन के लिए प्रायोजकों की तलाश से लेकर अन्य चीजों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। सीनियर की प्रतियोगिताओं में प्रायोजक आराम से मिल जाते हैं क्योंकि उसमें नेम-फेम प्लेयर खेल रहते हैं पर सबजूनियर लेवल पर ऐसा नहीं है। पर एक बात जरूर है कि असली प्रतिभा की पहचान सबजूनियर लेवल की प्रतियोगिताओं से होती है।
प्रो कबड्डी लीग के दसवें सीजन को लेकर अनुपम गोस्वामी ने कहा कि हमारी चाहत है कि टीमें होम ग्राउंड पर लौटें और उनकी मेजबानी में मुकाबले हों। अगर सबकुछ ठीक रहा तो दसवें सीजन में हम पहले वाली स्थिति में लौट सकते हैं।
प्रो कबड्डी लीग अनुपम गोस्वामी ने कहा कि प्रो कबड्डी लीग से कबड्डी अब पहचान का मोहताज नहीं है। इससे न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को फायदा हुआ है। अब अन्य देशों के खिलाड़ी भी आगे बढ़ रहे हैं।
महिलाओं की कबड्डी लीग कराने के संबंध में अनुपम गोस्वामी ने कहा कि वह हमारे प्लान में है। पर इस लीग से पहले जरूरी यह है कि हमें महिला कबड्डी के स्तर को और ऊंचा करना होगा। उसके विकास के लिए हमें काम करने होंगे। जब गेम का स्तर बढ़ेगा तो कंपीटिशन भी बढ़ेगा तब लीग की बात सोची जा सकती है।
प्रो कबड्डी लीग की तर्ज पर जूनियर कबड्डी लीग के सवाल पर अनुपम गोस्वामी ने कहा कि अभी इस तरह का कोई प्लान नहीं है। उन्होंने कहा कि लीग कराते वक्त कई चीजों पर ध्यान देना होता है। हमें फैंस लेकर कंपीटिशन के स्तर को भी देखना पड़ता है। वैसे प्रो कबड्डी लीग के जरिए जूनियर कबड्डी प्लेयरों को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही फ्रेंचाइजी टीमें भी अपनी जूनियर टीम बना कर बेस्ट प्लेयरों को प्रो कबड्डी लीग में मौका दे रहे हैं जो काफी सफल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि दुनिया का वेस्ट कबड्डी लीग भारत में होता है जिसमें खेलने के लिए खिलाड़ी सोचते हैं और प्रशंसक इसके मैच देखने को वैचेन रहते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कबड्डी महासंघ और अमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कबड्डी को बढ़ाने के लिए शानदार काम किये हैं। स्व. जनार्दन गहलोत ने कबड्डी के बढ़ावा के लिए जो काम किया है वह अतुलनीय है। उन्होंने कबड्डी को भारत में बांध कर नहीं रखा बल्कि पूरे विश्व में इसे फैलाया। कबड्डी खेल का जितना ज्यादा प्रचार होगा वह इस खेल के लिए फायेदमंद रहेगा।