नईदिल्ली, 8 दिसंबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शाजी प्रभाकरण को विश्वासघात करने के लिए महासचिव पद से बर्खास्त करने के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के फैसले पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल पीठ ने इस आशय का अंतरिम आदेश पारित किया। प्रभाकरण के वकील के परमेश्वरन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हां, दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश पारित किया है।
एआईएफएफ की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ था। एआईएफएफ ने प्रभाकरण को नियुक्ति के 14 महीने के भीतर सात नवंबर को बर्खास्त कर दिया था। एआईएफएफ ने यह नहीं बताया कि विश्वासघात की किस घटना के कारण यह कदम उठाना पड़ा।
प्रभाकरण को तीन सितंबर 2022 को यह पद दिया गया था। वह इससे पहले फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष थे।