पटना। एक फेक लेटर के बिहार के खेल विभाग में हड़कंप मजा दिया है। इस फेक लेटर के कारण खेल विभाग के दो पदाधिकारियों की रातों की नींद उड़ गई है। कारण यह है कि इसे सही मानकर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री ने जांच की बात लिख दी है।
मामला है कि पिछले दिनों बिहार सरकार द्वारा खिलाड़ियों की नौकरी के लिए नई नियमावली निकाली गई। इस नियमावली में मात्र 12 खेलों फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, बैडमिंटन, टेबुल टेनिस, लॉन टेनिस, एथलेटिक, भारोत्तोलन, कुश्ती, बास्केटबॉल, तैराकी, वॉलीवॉल के खिलाड़ियों की नियुक्ति की बात कही गई। इस नियमावली के आने के बाद बाकी खेल संघ के पदाधिकारी नाराज हो गए। इसके बाद नाराज पदाधिकारियों की एक बैठक हुई पर नतीजा कुछ नहीं निकला।
बात आई गई हो पर जब यह फेक लेटर सामने आया तो हड़कंप मच गया। यह पत्र कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री के नाम से लिखा गया है जिसमें इस नियमावली में सुधार करने के साथ दो अधिकारियों उपनिदेशक (क्रीड़ा) मिथिलेश कुमार और सहायक निदेशक आनंदी कुमार के खिलाफ शिकायत की गई है। इस पत्र पर पांच-छह खेल संघों के पदाधिकारियों का साइन किया हुआ है।
जब यह पत्र सामने आया तो इन खेल संघों के पदाधिकारी भी सोच में पड़ गए। खेलढाबा.कॉम ने इन खेल संघों के पदाधिकारियों से इस संबंध में पूछा तो उनका कहना था कि हमने तो ऐसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। यह सब बदनाम करने की साजिश है। इन सबों का कहना है कि इस संदर्भ में हम सभी कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री से लेकर निगरानी के पदाधिकारियों से मिल कर जांच कराने की मांग करेंगे। इस पत्र पर बिहार तलवार संघ के सचिव रामाशंकर प्रसाद, साइक्लिंग एवं स्क्वैश संघ के सचिव डॉ कौशल किशोर सिंह, सॉफ्टटेनिस एसोसिएशन ऑफ बिहार के महासचिव धर्मवीर कुमार, बिहार कुश्ती संघ के सचिव विनय कुमार सिंह और नेटबॉल संघ के बालमुकुंद सिंह के हस्ताक्षर हैं। कुश्ती संघ के सचिव विनय कुमार सिंह का कहना है कि जब मेरा गेम नौकरी में शामिल है तो मैं यह सब क्यों करूंगा।
सवाल यह उठता है कि ऐसा पत्र कौन लिख सकता है। बाहरी व्यक्तियों को इन सब चीजों से क्या लेना देना है। पत्र तो इस खेल महकमे के बीच के लोगों ने लिखी है ऐसा जानकार कहते हैं।