
पवन सिंह
मेरठ न केवल स्पोट्र्स गुड्स के सामानों के लिए जाना जाता है बल्कि स्टार क्रिकेटरों के लिए भी। इन स्टार क्रिकेटरों में से किसी ने ऊंचाईयां छुई तो कोई किसी कारणवश आगे नहीं बढ़ पाया। उन्हीं में से एक हैं किशोर शर्मा। पूरा नाम किशोर कुमार शर्मा। एक समय वे भारत के तेज गेंदबाज में शुमार होते जा रहे पर चोट ने आगे बढ़ने से रोक लिया। तेज गेंदबाजी के कारण ही उन्हें तूफान सिंह के नाम से जाना जाता था।

किशोर शर्मा का जन्म पश्चिमी उत्तरप्रदेश के महत्वपूर्ण क्रिकेट सेंटर के रूप कहे जाने वाले शहर मेरठ में 20 दिसंबर 1963 को हुआ। उन्होंने पढ़ाई लिखाई उसी शहर में की। मेरठ यूनिवर्सिटी से स्नातक की परीक्षा की। उन्होंने यूपी की ओर से कर्नल सीके नायडू अंडर-22 क्रिकेट टूर्नामेंट खेला और भारत की संभावित अंडर-22 क्रिकेट टीम (वर्ष 1982-83) में जगह पक्की की। इसके अगले साल उन्हें यूपी रणजी टीम में जगह मिली। विदर्भ के खिलाफ खेले गए पहले मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। अगले साल सेंट्रल जोन की ओर से दलीप ट्रॉफी व देवधर ट्रॉफी में हिस्सा लिया। वर्ष 1987 में पाकिस्तान के खिलाफ बोर्ड अध्यक्ष एकादश टीम में वे थे। बोर्ड अध्यक्ष एकादश टीम की कप्तानी रविशास्त्री कर रहे थे जबकि पाकिस्तान टीम की कमान इमरान खान (वर्तमान प्रधानमंत्री) संभाल रखी थी। 1989 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में बोर्ड अध्यक्ष एकादश टीम में इनको जगह मिली थी। ग्राहम कूच उस समय इंग्लैंड टीम की कप्तानी कर रहे थे।


वर्ष 1988 में उन्होंने रेलवे की ओर से रणजी ट्रॉफी खेलना शुरू किया। इसी साल रेलवे ने विजय हजारे नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीता। किशोर शर्मा क्वार्टरफाइनल से लेकर फाइनल तक मैन ऑफ द मैच बने। क्रिकेट विश्व कप 1987 के लिए बनी 25 सदस्यों की संभावित इंडियन टीम में किशोर शर्मा को जगह मिली। उन्होंने 1994 में रेलवे को रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाया। इसके बाद 1997-98 में रेलवे टीम के कोच रहे। वर्ष 2000-02 तक बीसीसीआई के टेलेंट रिसोर्स डेवलपमेंट ऑफिसर रहे। 2007 में बीसीसीआई के पैनल मैच रेफरी बने। वर्ष 2015-16 में वे फिर मैच रेफरी बने। वर्ष 2001-05 रेलवे सीनियर क्रिकेट टीम के सेलेक्टर रहे। वर्ष 2000-14 तक इंडियन रेलवे जूनियर टीम के सेलेक्टर रहे। वे अभी आगरा में रेलवे विभाग में डिविजनल चीफ टिकट इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। किशोर शर्मा इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के सदस्य हैं।
किशोर शर्मा न केवल बेहतर क्रिकेटर, क्रिकेट कोच और रेलवे पदाधिकारी हैं बल्कि बेहतर इंसान भी है और जरुरतमंदों को मदद के लिए तैयार रहते हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन में जरुरतमंदों को सहायता पहुंचा रहे हैं। साथ ही कोरोना वारियर्स को सम्मानित कर रहे हैं।
आगरा शहर में क्रिकेट के हालात के बारे में वे कहते हैं कि जब संसाधन नहीं थे तो शहर में शहीद स्मृति जैसे नामचीन टूर्नामेंट हुआ करता था इस टूर्नामेंट में देश के कई टेस्ट खिलाड़ी खेल चुके हैं लेकिन अब जब संसाधन है तो टूर्नामेंट नहीं होते हैं। कहीं न कहीं क्रिकेट को चलाने वालों में गलती है। आगरा शहर में क्रिकेट का विकास हो सकता है पर इसे बढ़ाने वाले तो पहले पहल करें।
(लेखक पूर्व रणजी ट्रॉफी प्लेयर हैं)