पटाया। पूर्व चैंपियन मीराबाई चानू बुधवार से यहां शुरू हो रही विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में जब भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी तो उनकी नजरें 2017 के स्वर्ण पदक जीतने के अपने प्रदर्शन को दोहराने और ओलंपिक कोटा पक्का करने पर टिकी होंगी।
विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2017 के 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली दिग्गज खिलाड़ी मीराबाई भारत की ओर से पदक की दावेदार हैं लेकिन अगर उन्हें यहां पोडियम पर जगह बनानी है तो अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा।
मीराबाई ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के बाद कमर की चोट के कारण लगभग नौ महीने बाहर रहने के बाद मजबूत वापसी की है।
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के वजन वर्गों में बदलाव करने के फैसले के बाद 48 किग्रा की जगह 49 किग्रा वर्ग में हिस्सा ले रही 25 साल की मीराबाई ने इस साल तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए दो में अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
मीराबाई ने एशियाई चैंपियनशिप में कुल 199 किग्रा (186 और 113 किग्रा) वजन उठाकर निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था लेकिन पदक से चूक गई थी।
पिछली विश्व चैंपियनशिप में थाईलैंड की चायुत्रा प्रमोंगखोल ने महिला 49 किग्रा वर्ग में 209 किग्रा (89 और 120) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता था लेकिन फिलहाल डोप प्रकरण में फंसी हुई हैं। इसके अलावा चीन की मौजूदा विश्व रिकार्ड धारक हाउ झिझुई ने 208 किग्रा के साथ रजत जबकि उनकी हमवतन जियांग हुइहुआ ने 206 किग्रा वजन उठाकर कांस्य पदक जीता था।
टीम इस प्रकार है:
पुरुष: जेरेमी लालरिननुंगा (67 किग्रा), अचिंता श्युली (73 किग्रा) और अजय सिंह (81 किग्रा)।
महिला: मीराबाई चानू (49 किग्रा), झिली दलबेहरा (45 किग्रा), स्नेहा सोरेन (55 किग्रा)और राखी हलधर (64 किग्रा)।