यह क्रिकेट है यहां कुछ भी हो सकता है। इसे खेल कर आसमान पर पहुंच जाता है तो कोई गुमनामी में। ऐसे ही एक िक्रकेट हैं एडो ब्रांडेस। एडो ब्रांडेस गरीबी से आये हैं, लेकिन अपनी क्षमता और काबिलियत के दम पर उन्होने इतिहास रचा है पर रिटायरमेंट के बाद गरीबी में जी रहे हैं। एडो ब्रांडेस ने सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज को अपनी गेंदों पर खुलकर खेलने नहीं दिया, उन्हें दो बार आउट किया, इतना ही नहीं सितारों से सजी टीम इंडिया को चार बार हराया, लेकिन आज वो गेंदबाज टमाटर बेचकर गुजारा करने को विवश है।
जिंबांब्बे के पूर्व तेज गेंदबाज एडो ब्रांडेस , जिन्होंने अपने देश के लिये 10 टेस्ट मैच और 59 एकदिवसीय मैच खेले, ब्रांडेस का इंटरनेशनल कप्तरियर और लंबा हो सकता था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका। उन्होने अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर में 96 विकेट अपने नाम किये।
उन्होंने काफी कम समय में ही अपनी छवि एक अच्छे गेंदबाज की बना ली, खासकर टीम इंडिया के खिलाफ उन्होने किफायती गेंदबाजी की, ब्रांडेस ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को दो बार आउट किया, इस गेंदबाज के प्लेइंग इलेवन में रहते हुए जिंबाब्बे जैसी कमजोर टीम ने भारतीय टीम को 4 बार हराया।
एडो ब्रांडेस ने दक्षिण अफ्रीका में खेली गई वनडे सीरीज में टीम इंडिया को जीत से दूर कर दिया था, इस मुकाबले में उन्होने 9.5 ओवर में 41 रन देकर 5 विकेट हासिल किये थे।
एडो ब्रांडेस ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच साल 1999 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था, उसके बाद वो कभी क्रिकेट के मैदान पर नहीं दिखे, इतना ही नहीं ब्रांडेस ने जिंबाब्बे ही छोड़ दिया, वो ऑस्ट्रेलिया में बस गये, पहले 6 सालों तक वो एक क्रिकेट टीम को कोचिंग देते रहे, फिर कोचिंग छोड़कर खेती में हाथ आजमाने लगे।
कोचिंग छोड़ने के बाद एडो ब्रांडेस ने खेती शुरु की, इस काम में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर इयान हीली ने उनकी मदद की, हीली ने ब्रिस्बेन में ब्रांडेस के कुछ लोगों से संपर्क स्थापित कराया, आज ब्रांडेस एक हफ्ते में 100 टन टमाटर उगाते हैं, इसके साथ ही उनका परिवार पाल् ट्री फॉर्म भी चलाता है।
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