नई दिल्ली। भारत के डोपिंग निरोधक कार्यक्रम को करारा झटका देते हुए विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने भारत की राष्ट्रीय डोप टेस्ट लेबोरेटरी (एनडीटीएल) को छह महीने के लिये निलंबित कर दिया।
इस लेबोरेटरी को 2008 में ही वाडा से मान्यता मिली थी। अब यहां पर नमूनों की जांच नहीं हो सकेगी और यह निलंबन 20 अगस्त से प्रभावी होगी। टोक्यो ओलंपिक में अब एक साल से भी कम समय रह गया है और यह फैसला भारत के लिये काफी निराशाजनक है।
नाडा खून और मूत्र के नमूने एकत्र कर सकता है लेकिन उसे भारत के बाहर वाडा की मान्यता प्राप्त लेबोरेटरी से जांच करानी होगी।
वाडा ने एक विज्ञप्ति में कहा, वाडा के दौरे के दौरान हमारी लेबोरेटरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों (आईएसएल) के अनुरूप नहीं पाया गया और उसी वजह से यह निलंबन का फैसला लिया गया है।
वाडा की जांच में पाया गया कि एनडीटीएल का नमूनों के विश्लेषण का तरीका सही नहीं था। एनडीटीएल इस निलंबन के खिलाफ अगले 21 दिन में लुसाने स्थित खेल पंचाट में अपील कर सकती है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने कहा कि भारत दूसरे देशों (अमूमन थाईलैंड के बैंकाक स्थित वाडा लैब) में नमूने भेजने का अतिरिक्त खर्च वहन नहीं कर सकता। ऐसी आशंका है कि लागत बढ़ने से नमूनों की संख्या में भारी गिरावट आ जायेगी जिससे डोपिंग निरोधक कार्यक्रम को झटका लगेगा।
आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा, यह भारत में ओलंपिक आंदोलन के लिये बड़ा झटका है जबकि ओलंपिक 11 महीने दूर है। भारतीय राष्ट्रीय खेल महासंघ अतिरिक्त लागत वहन करने की स्थिति में नहीं है।