पटना। जो खुद असंवैधानिक है वे संविधान की बात कर रहे हैं। जिन्हें नियम-कानून से कोई वास्ता नहीं वे अनुशासनहीनता तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। हद हो गई। आखिर नियम की बात करने वाले पहले यह तो बताएं मैंने ं पटना जिला क्रिकेट संघ (patna district cricket association) के संविधान के किस नियम का उल्लंघन किया है और मुझे किस नियम के तहत पांच साल के लिए निष्कासित किया गया है। ये बातें पीडीसीए (PDCA) के कार्यकारी या सहायक सचिव अरुण सिंह ने खेलढाबा.कॉम से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि प्रवीण कुमार प्राणवीर द्वारा निष्कासन का पत्र अभी तक मेरे पास नहीं पहुंचा पर मीडिया में खबर पहुंच गई है। नियम का उल्लंघन उन्होंने किया है।
उन्होंने कहा कि पीडीसीए (PDCA) का मामला अभी न्यायालय में लंबित है। माननीय न्यायालय ने ‘स्टेटस को’ खत्म करने का आदेश दिया है। माननीय न्यायालय ने दोनों गुटों में से किसी एक गुट को काम करने की इजाजत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको पिछले घटनाचक्र को जानना जरूरी है। सबसे पहले अपने आपको पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष कहने वाले प्रवीण कुमार प्राणवीर ने संघ के कार्यक्रम की घोषणा की। मैंने उसके उलट अपने गुट का कार्यक्रम घोषित किया। इस पर तीसरे व्यक्ति प्रेम वल्लभ सहाय कोर्ट में चले गए और यह याचिका दायर की कि दोनों गुट अपने-अपने कार्यक्रम को घोषित किये हैं कौन सही है बताया जाए। इस पर माननीय न्यायालय ने रोक लगाते हुए स्टेटस को लगा दिया। ‘स्टेटस को’ को फिर न्यायालय ने हटा दिया। स्टेटस को तो दोनों गुटों के लिए हटा। इसमें अनुशासनहीनता और नियम उल्लंघन की बात कहां से आ गई।
उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेट के लिए क्या किया यह मैं नहीं सकता है। मेरे द्वारा अपने कामों की तारीफ खुद करना शोभा नहीं देता है। मेरे द्वारा क्रिकेट में किये गए योगदान के बारे में पटना क्रिकेट जगत से लेकर बिहार क्रिकेट जगत जानता है। प्रवीण कुमार प्राणवीर का पटना क्रिकेट में क्या योगदान है यह भी लोगों को पता है।
उन्होंने कहा कि अभी तो बिहार क्रिकेट संघ की स्थिति तय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति भी मान रही है कि बिहार में दो गुट (गोपाल बोहरा व रविशंकर प्रसाद गुट व जगन्नाथ सिंह गुट) को मान रहा है। प्रशासकों की समिति ने दोनों गुटों का कहा है कि पहले सक्षम न्यायालय से अपने पक्ष में आदेश लेकर आये हैं। यहां तक कि दोनों गुटों को बीसीए के संविधान को बजाप्ता रजिस्टर्ड करवाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है और मैं इस असंवैधानिक व्यक्ति पर जीत हासिल करूंगा।
गौरतलब है कि पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर ने संघ के कार्यकारी सचिव अरुण कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से पांच वर्षों के लिए संघ के निष्कासित कर दिया है। यह जानकारी पटना जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्राणवीर ने शनिवार को प्रेस रिलीज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि अरुण कुमार सिंह ने संघ विरोधी कार्य कर संगठन की छवि खराब करने, अनुशासनहीनता बरतने और खेल की गतिविधि में बाधा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा था कि इसकी सूचना बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (गोपाल बोहरा व रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले गुट) को दी है।