खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक इस बार कोरोना महामारी के साए में हो रहा है। तमाम परेशानियों के बावजूद, खेल भावना सब पर भारी पड़ी। टोक्यो से आईं तस्वीरें इसकी गवाह हैं पर बुधवार को रवि कुमार दाहिया के जो कुछ हुआ वह खेल भावना को शर्मसार को करनी वाली घटना है।
दरअसल मामला यह है कि नूरस्लाम सानायेव से हुए फाइट के बाद रवि दाहिया जीत के बाद दर्द से कहरा रहे थे। दर्द से कहराने का खुलासा उनकी फोटो वायरल होने के बाद पता चला। फोटो में उनके हाथ पर दांत गड़ने के निशान थे जो नूरस्लाम सानायेव ने फाइट के दौरान गड़ाए थे। नूरस्लाम सानायेव पर जब रवि ने पकड़ मजबूत कर रखी थी और पकड़ को ढीला करने के लिए नूरस्लाम ने यह गंदा तरीका अपनाया पर जीत के इरादे से उतरे रवि ने अपने इरादे मजबूत रखे और उन्होंने जीत हासिल कर नूरस्लाम के नापाक इरादे पर पानी फेर दिया पर नूरस्लाम ने जो किया उसकी चहूं ओर निंदा हो रही है।
इस घटना के उलट इस ओलंपिक कई ऐसी तसवीरें सामने आईं जो आपको इन खेलों के उद्देश्यों की पूर्ति करती हुईं देखीं। जिस खिलाड़ी से कुछ मिनट पहले हारे, बाद में उसी के लिए मदद का हाथ बढ़ाना…. स्कोर बराबर रहा तो दो प्लेयर्स ने तय किया कि टाईब्रेकर के बजाय गोल्ड मेडल बांट लेते हैं… दो खिलाड़ी ट्रैक पर दौड़ते हुए टकरा गए, कोई कड़वाहट नहीं, दोनों ने फिनिश लाइन तक पहुंचने में एक-दूसरे की मदद की।
ये खेल भावना के कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो इस साल ओलिंपिक खेलों से निकले हैं। दुनिया के सबसे बड़े स्पोर्टिंग इवेंट में, जहां मेडल्स के लिए गलाकाट प्रतिस्पर्धा होती हो, ऐसी तसवीरें सुकून देती हैं।

मुकाबला टाई हुआ तो इन दोनों ने बांट लिया गोल्ड मेडल
इटली के जियानमार्को तम्बेरी और कतर के मुताज बरशीम के बीच हाई जंप में कड़ा मुकाबला था। फिर कुछ ऐसा हुआ जो दोनों ने कभी सोचा नहीं था। मुकाबला टाई हो गया। जब बार को बढ़ाकर ओलिंपिक रेकॉर्ड हाइट 2.39 मीटर कर दिया गया तो दोनों ही तीन-तीन बार मिस कर गए। चाहते तो इसके बाद जंप-ऑफ के लिए जा सकते थे मगर दोनों ने तय किया कि गोल्ड मेडल बांट लेंगे।
बरशीम ने मैच के बाद कहा, ‘मैं जानता कि जैसा प्रदर्शन मैंने किया है, मैं गोल्ड का हकदार था। उसने (तम्बेरी) भी वही किया तो वह भी सोने का हकदार था। यह खेल से परे है। यह वह संदेश है जो हम युवा पीढ़ी को देना चाहते हैं।” जब मेडल बांटने का फैसला हुआ तो तम्बेरी ने बरशीम के हाथों पर चिकोटी काटी और फिर उन्हें गले से लगा लिया।

गुस्से नहीं, प्यार से चलती है दुनिया
यह बड़ी खूबसूरत तस्वीर है। अमेरिका के इसाया जेवेट और बोट्सवाला के नाइजेल अमोस 800 मीटर रेस के सेमीफाइल्स में दौड़ रहै थे। दोनों आपस में टकरा गए मगर नाराज होने के बजाय दोनों ने एक-दूसरे को खड़ा होने में मदद की, एक-दूसरे की बाहों में बाहें डालीं और साथ में रेस फिनिश की।

हार-जीत तो लगी रहती है दोस्त
फील्ड हॉकी के ग्रुप मैच में अर्जेंटीना ने जर्मनी को हरा दिया था। मैच के ठीक बाद अर्जेंटीना की गोलकीपर मारिया बेलेन सुक्की जर्मनी की शार्लोट स्टेपनहॉर्स्ट के पास गईं और उन्हें ढांढस बंधाया।

‘कोई बात नहीं, इट्स ऑल गुड’
महिलाओं के ट्रायलॉथन के मुकाबले काफी थकाऊ रहे। बेल्जियम की क्लेयर माइकल भी इस इवेंट का हिस्सा थीं। वह विनर से 15 मिनट पीछे, सबसे आखिर में रेस फिनिश करने वाली एथलीट थीं। फिनिश लाइन पार करने के बाद क्लेयर वहीं पर बैठ गईं और रोने लगीं। उन्हें देखकर नॉर्वे की लॉटे मिलर उनके पास गईं। मिलर ने क्लेयर के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें ढांढस बंधाया।

जिससे हारे, उसी के ट्रांसलेटर बन गए कनोआ
ओलिंपिक में पहली बार सर्फिंग को शामिल किया गया है। जापान के कनोआ इगाराशी इस खेल में ब्राजील के इटालो फरेरा से हार गए। इंटरनेट पर कनोआ को ब्राजीलियन ट्रोल्स का भी सामना करना पड़ा। वह चाहते तो चुप रह जाते मगर उन्होंने कुछ अलग किया। दुनियाभर के सामने जब परेरा से सवाल पूछे जा रहे थे, तब उन्होंने पुर्तगाली भाषा के अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया। फरेरा के लिए कनोआ ट्रांसलेशन करते नजर आए।
साभार : NBT

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