किंग्सटाउन,15 जून। टी20 विश्वकप का एक और उलटफेर शनिवार को होते होते बचा जब नेपाल ने पूरे मैच पर अपनी पकड़ रखने के बावजूद आखिरी गेंद पर अनुभवी दक्षिण अफ्रीका के सामने अपने हथियार डाल दिये।
ऑर्नोस वेल ग्राउंड पर दक्षिण अफ्रीका ने पहले खेलते हुये सात विकेट पर 115 रन बनाये जिसके जवाब में नेपाल की टीम 20 ओवर के खेल में सात विकेट पर 114 रन ही बना सकी।
कुशल भुर्तेल (19 रन पर चार विकेट) और दीपेन्द्र सिंह एरी ( 21 रन पर तीन विकेट) की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत नेपाल ने दक्षिण अफ्रीका को महज 115 रन पर रोक दिया था और बाद में आसिफ शेख (42) और अनिल साह (24) ने लक्ष्य का आसानी से पीछा करते हुये 18वें ओवर में चार विकेट के नुकसान पर स्कोरबोर्ड पर 99 रन टांग कर जीत की संभावनाओं को प्रबल कर दिया था मगर दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के अनुभव और तबरेज शम्सी की घूमती हुयी गेदों के आगे नेपाल की टीम बुरी तरह लडखड़ा गयी और उनके आखिरी के तीन ओवर में उन्होने तीन विकेट खोकर महज 15 रन का इजाफा किया और हार के साथ संतोष कर लिया।
तबरेज़ शम्सी ने दक्षिण अफ़्रीका की इस जीत में अहम भूमिका निभाते हुए, चार महत्वपूर्ण विकेट झटके। एक समय नेपाल को सिर्फ़18 गेंदों में 18 रनों की ज़रूरत थी, तब शम्सी ने अपने स्पेल की आख़िरी ओवर में सिर्फ़ दो देकर दो विकेट झटके। इस ओवर के बाद दबाव ने अपना रूख़ नेपाल की टीम की तरफ़ मोड़ लिया था।
116 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, नेपाल की टीम का काफ़ी सहज तरीक़े से बल्लेबाज़ी कर रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी आसान हो गई है। पहले स्पेल में दो विकेट झटकने वाले शम्सी को बाक़ी के गेंदबाज़ों का साथ नहीं मिला लेकिन दूसरे प्रयास में वह सफल हो गए। 18वें ओवर की शुरुआत से पहले नेपाल ने सिर्फ़ तीन विकेट गंवाए थे और उनकी टीम 100 रन के क़रीब थी लेकिन शम्सी ने अपनी स्पिन लेती गेंदबाज़ों से बल्लेबाज़ों को चारो खाने चित्त कर दिया और सिर्फ़ दो रन देकर दो विकेट झटके।
मैच के आख़िरी ओवर में भी नेपाल के पास मैच को ड्रॉ करने का मौक़ा था। एक गेंद में दो रनों की ज़रूरत थी और एक रन लेने के प्रयास में नॉन स्ट्राइकर एंड पर गुलशन झा ने बहुत बड़ी ग़लती कर दी। वह क्रीज़ में लगभग पहुंच चुके थे लेकिन अतिआश्वस्त होने के कारण वह रन आउट हो गए।