पटना। खेल का माहौल घर में शुरू से था। पिता दिनेश कुमार फुटबॉलर थे। इसने टेनिस बॉल खेलने से अपने खेल जीवन की शुरुआत की। प्रेम बल्लभ सहाय से क्रिकेट की कोचिंग ले मेन स्ट्रीम का क्रिकेट खेला। क्रिकेट का माहौल नहीं था तो बेसवॉल और सॉफ्टबॉल की ओर रुख किया और फिर बन गया अंतरराष्ट्रीय प्लेयर। क्रिकेट जगत में अपने खेल और कामों से अपनी पहचान खुद बनाई है। लोग इसे ‘लल्ला’ के नाम से पुकारते हैं और इस शख्स का नाम है रुपक कुमार। तो आइए जानते हैं इस शख्स के बारे में-
राजधानी के गर्दनीबाग इलाके के रहने वाले रुपक कुमार के पिता दिनेश कुमार अच्छे फुटबॉलर थे। वे पथ निर्माण विभाग में कार्यरत थे। माता मानपति देवी गृहिणी है। घर में सबसे छोटा था तो पिताजी ‘लल्ला’ कह कर पुकारते थे। बाद में इसी नाम से बिहार क्रिकेट जगत से भी पुकारने लगा। शुरू में टेनिस बॉल खेलते थे। प्रेम बल्लभ सहाय ने इन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दी और फिर वह क्रिकेट के मेन स्ट्रीम से जुड़ गए। धीरे-धीरे क्रिकेट का सफर चल पड़ा।
वर्ष 2010-11 में पटना जिला अंडर-19 टीम में चयन हुआ और 2011-12 में बिहार अंडर-19 टीम का कूच बिहार ट्रॉफी में प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2012-13 व 2013-14 में नागालैंड में इंटर स्टेट टी-20 में बिहार की ओर से खेला। बिहार में क्रिकेट का माहौल नहीं था इसीलिए बेसबॉल गेम की ओर रुख कर लिया। बिहार की ओर से लगातार तीन साल तक खेला और टीम का नेतृत्व भी किया। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर परफॉरमेंस के आधार पर इंडिया टीम में सेलेक्शन हुआ और बन गया अंतरराष्ट्रीय बेसबॉल प्लेयर।
बिहार में क्रिकेट का माहौल लौटा तो वह एक बार फिर से क्रिकेट की ओर अपना रुख किया। पटना जिला टीम की ओर से राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय टी-20 प्रतियोगिता में हिस्सा वाली बिहार टीम के चयन के लिए हुए ट्रायल मैच खेला पर टीम में जगह बनाने में असफल रहे। दो ट्रायल मैच में इसने पांच विकेट चटकाये थे। बिहार सीनियर क्रिकेट टीम में जगह पक्की करने के लिए वे अभी प्रयासरत है और इसे लेकर उनक अभ्यास भी जारी है।
सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानने वाले रुपक कुमार ने पटना क्रिकेट लीग में अमर सीसी, बाटा सीसी और इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रतिनिधित्व किया। खिलाड़ी के साथ-साथ वे खेल आयोजन से भी जुड़े रहे। ऐसे तो पटना क्रिकेट लीग के आयोजन से उनका जुड़ाव तो काफी पहले से रहा है पर पिछले दो वर्षों में संयोजक के रूप में कार्य कर इसका सफलतापूर्वक आयोजन करवाया।
राजधानी के नामी स्कूल लोहियानगर माउंटकार्मेल हाईस्कूल में स्पोट्र्स हेड के रूप में कार्यरत रुपक कुमार कहते हैं कि मैं आज हूं उसमें मेरे माता-पिता, चाचा-चाची, अजय नारायण शर्मा, मधु शर्मा, अरुण कुमार सिंह, प्रो नीरज सिंह, प्रेम वल्लभ सहाय, बहन श्वेता कुमारी, स्कूल की निदेशिका श्रीमती मीनू सिंह और हमारे शुभचिंतकों का आशीर्वाद व दुआ शामिल है।