पटना, 4 जनवरी। मोइनुल हक स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी के मैच होंगे या एसजीएफआई के मैच। अगर एसजीएफआई के मुकाबले यहां हुए तो रणजी मुकाबले की तैयारी में पड़ सकती है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने जो आदेश पत्र निकाला है उससे बाधा पड़ने की उम्मीद जाहिर हो रही है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने पहले से मोइनुल हक स्टेडियम का आवंटन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को कर रखा है और अब एक और नया आदेश आवंटन का निकाल दिया है जो 16 से 23 जनवरी, 2024 का है। खेलढाबा आगे आपको इस मामले को विस्तार से बताने जा रहा है।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को आवंटित कर रखा है। इस मैदान पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा अपनी क्रिकेट गतिविधियां कराई जाती है। फिलहाल इस मैदान पर रणजी मुकाबले होने हैं। पांच जनवरी से इसी ग्राउंड पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की मेजबानी में रणजी ट्रॉफी मुकाबले खेले जायेंगे। इस मैच में बिहार के सामने मुंबई की टीम होगी। यह मुकाबला 8 जनवरी तक चलेगा। इस मैच की समाप्ति के बाद इसी ग्राउंड पर इसके बाद 12 जनवरी से दूसरा मुकाबला शुरू होगा जिसमें बिहार की भिड़ंत छत्तीसगढ़ से होगी। यह मैच 15 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद 26 जनवरी से बिहार अपना चौथा मुकाबला इसी ग्राउंड पर खेलेगा। यह मैच केरल के खिलाफ होगा।
इधर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने इस ग्राउंड का आवंटन 16 से 23 जनवरी का कर दिया है। यह आवंटन उसने अपनी मेजबानी में होने वाले नेशनल एसजीएफआई क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए कर दिया है। हालांकि दोनों की तारीखें अलग-अलग है पर बीसीसीआई के नियम और बड़े मैच की मेजबानी की अर्हता इसमें आड़े आ सकती है।
जानकारों का कहना है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नियमानुसार न्यूट्रल पिच क्यूरेटर को लगभग छह दिन पहले ग्राउंड को सौंपना पड़ता है। यानी 26 जनवरी से होने वाले मुकाबले के लिए न्यूट्रल पिच क्यूरेटर को किसी भी हाल में 19 जनवरी को ग्राउंड सौंप देना होगा ताकी वे 26 जनवरी से केरल के खिलाफ होने वाले मुकाबले की तैयारी कर सकें।
ऐसे में अगर जब एसजीएफआई के मुकाबले 16 से 23 जनवरी तक यहां खेले जाते हैं तो 26 जनवरी से होने वाले रणजी मुकाबले में बाधा पड़ सकती है। वैसे भी रणजी जैसे मुकाबले के लिए किसी भी ग्राउंड को पूर्ण रूप से सुरक्षित रखा जाता है और उस पर बीसीसीआई के मुकाबले होते हैं। अगर एसजीएफआई के मुकाबले यहां खेले जाते हैं कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को अपने मैच की तैयारी में बाधा पड़ सकती है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को सारी बातों की जानकारी है पर उसने एसजीएफआई के आवंटन का पत्र कैसे निर्गत किया यह तो वह ही जाने। इस पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण की प्रतिक्रिया आनी बाकी है।


