पटना। आजकल बिहार के क्रिकेटरों को बॉलिंग मशीन से प्रैक्टिस करना खूब भा रहा है। यों तो राजधानी के कई एकेडमियों में बॉलिंग मशीन के जरिए अभ्यास कराया जाता है पर राजधानी के दो इंडोर स्टेडियम में क्रिकेटरों को ज्यादा भा रहा है। हाल के दिनों में राजधानी में दो इंडोर स्टेडियम खुले हैं जिसमें एक तो स्पेशली बैट्समैन के लिए है, इसका नाम ही ऑनली बैट्समैन। दूसरा इंडोर स्टेडियम है क्रिकेट एकेडमी ऑफ पठांस का जहां बॉलिंग मशीन से तो अभ्यास कर ही सकते हैं। वहां गेंदबाजों को इंडोर में गेंदबाजी करने की सुविधा है।
अभी तो लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन लगने के पहले इन दोनों स्टेडियम में बैट्समैन अपने मन मुताबिक गेंद और स्पीड के सहारे अपने आपको आकलन कर रहे थे और अपनी खामियों को दूर करने का प्रयास कर रहे थे।
बालिंग मशीन से अभ्यास के बारे में ऑनली बैट्समैन के कर्ताधर्ता सुमित शर्मा बताते हैं कि इसमें बैट्समैन अपनी कमजोरियों को पकड़ता है और उसे दूर करने का प्रयास करता है। वह वैसी गेंद खेलने का प्रयास करता है जिसमें उसे परेशानी होती है।
वह बताते हैं कि यह मशीन 165 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तक गेंद फेंकता है पर आप अपनी सुविधानुसार जितना रखना चाहें। इसमें बैट्समैन इन स्विंग और ऑउट स्विंग खेल सकते हैं। लेग स्पिन और ऑफ स्पिन दोनों खेल सकते हैं। मशीन को जिस मोड पर आप एडजस्ट करेंगे वह वैसी ही गेंद आपके लिए फेंकेगा।
शुरुआती दौर में बल्लेबाजों को परेशानी होती है चूंकि जिसमें आप एडजस्ट करेंगे उसी के अनुसार यह गेंद फेंकेगा। कभी-कभी बल्लेबाज समझ नहीं पाते हैं पर धीरे-धीरे वे इसके लिए अभ्यासरत हो जाते हैं। ऐसे भी एस्टोटर्फ में बॉलिंग मशीन से फेंकी गेंद थोड़ी तेजी से भागती है।

क्रिकेट एकेडमी ऑफ पठांस, पटना के कर्ताधर्ता उज्ज्वल सिंह कहते हैं कि बॉलिंग मशीन के जरिए कम समय में ज्यादा प्रैक्टिस कर सकते हैं। आमतौर पर आधे घंटे में 20-24 ओवर की गेंद इस मशीन के जरिए फेंकी जा सकती है। वे कहते हैं कि बॉलिंग मशीन से एक फायदा यह भी है बैट्समैन को अभ्यास के लिए बॉलर पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। अभ्यास के लिए यह बेहतर उपाय है।
ऑनली बैट्समैन एकेडमी में अभ्यास करने वाले राज्य के उदीयमान खिलाड़ी माधव ऑनली बैट्समैन एकेडमी में अभ्यास करते हैं। साथ में कोच छोटू जी भी रहते हैं। माधव कहते हैं कि बॉलिंग मशीन पर पिछले कुछ दिनों अभ्यास किया था। अभी तो बंद चल रहा है। वे कहते हैं इससे काफी फायदा है। मैं 110 की स्पीड फेंकी गई अभ्यास करता हूं।

नन्हा क्रिकेटर मोहित बताता है कि शुरुआती दिनों में थोड़ी समस्या आयी थी पर एक-दिनों के अंदर मैंने अपने आपको एडजस्ट कर लिया। वे कहते हैं कि अपनी खामियों को सुधारने के लिए यह अच्छा साधन है।